
Madhya Pradesh News: ग्वालियर (Gwalior) नगर निगम में भ्रष्टाचार का अनोखा मामला सामने आया है. नगर निगम के कुछ कर्मचारियों ने ऐसा चौंकाने वाला कारनामा किया है, जिस पर विश्वास करना बड़ा ही मुश्किल है. इन्होंने नगर निगम द्वारा बनाये गए राजीव आवास योजना के दर्जनों फ्लैट बेच डाले. उन्होंने हितग्राहियों से लाखों रुपए ऐंठने के बाद फर्जी दस्तावेज ही नहीं थमाए, बल्कि घरों का कब्जा तक दे दिया, जबकि नगर निगम ने इनका किसी को कोई एलॉटमेंट किया ही नही है.अब इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की गई है.
ऐसे खुला पूरा मामला...
2019 में प्रेम नारायण और हंसराज नामक व्यक्तियों की मुलाकात आरोपी उदय राज से हुई थी. उसने बताया कि वह नगर निगम में कर्मचारी है. उसने उन्हें राजीव आवास योजना में फ्लैट दिलाने के नाम पर दो बार डेढ़- डेढ़ लाख यानी तीन लाख रुपए ले लिए. इसके बाद आरोपी ने राशि के बदले फर्जी रसीदें भी थमा दीं. इतना ही नही उसने इन दोनों फ्लैट एनजी 04 और एनजी 06 के फर्जी एलॉटमेंट लेटर भी दे दिए. साथ ही मौके पर जाकर कब्जा भी दिला दिया. जिसके बाद दोनों परिवार सहित जाकर रहने भी लगे.
इनको झटका तब लगा जब नगर निगम ने उन्हें मकान खाली करने का नोटिस दिया. जब वे अपने कागज लेकर नगर निगम के ऑफिस पहुंचे तो वहां पता चला कि उनके पास उपलब्ध सभी कागज फर्जी हैं. जिस मकान में वो रह रहे हैं उसका तो अभी एलॉटमेंट हुआ ही नही है.
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42 लाख के घोटाले का केस हुआ दर्ज
फरियादियों के अनुसार उदयराज ने सिर्फ उन्हें ही चूना नहीं लगाया बल्कि उनके जैसे 14 अन्य लोगों के साथ भी ऐसे फर्जी दस्तावेज के आधार पर ठगी की थी. एसएसपी राजेश सिंह चन्देल ने बताया कि आरोपी उदयराज के खिलाफ 42 लाख के घोटाले और धोखाधड़ी का केस विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने दर्ज कर लिया है. आरोपी अभी फरार है, उनकी गिरफ्तारी के प्रयास पुलिस कर रही है.
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