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सपने टूटे, उम्मीदें बिखरी ! MP के लाखों युवाओं की सरकारी नौकरी की आस अधूरी

Sarkari Nauakri : बता दें कि देश सारी परीक्षाएं, परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत होती हैं. नियम तो यही है हर साल भर्ती परीक्षा होनी चाहिए. खामियाज़ा इसी साल MP के 2 लाख युवा भुगतेंगे जो ओवरऐज हो जाएंगे.

सपने टूटे, उम्मीदें बिखरी ! MP के लाखों युवाओं की सरकारी नौकरी की आस अधूरी
सपने टूटे, उम्मीदें बिखरी ! MP के लाखों युवाओं की सरकारी नौकरी की आस अधूरी

MP News in Hindi : मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल का नाम भले ही बदल चुका हो लेकिन यहां की हालत सालों से नहीं बदली है. कई सालों से राज्य में भर्ती परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई हैं. अभ्यर्थी दिन-रात परीक्षाओं का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मंडल लगातार परीक्षाओं को टालता जा रहा है. इस कारण कई युवा ओवर-ऐज हो गए हैं या कुछ महीनों में ओवर-ऐज हो जाएंगे... ऐसे में उनकी मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है. कई अभ्यर्थी मुश्किल हालातों से जूझ रहे हैं. सतना के रहें वाले प्रिंस ने बताया, "मैंने साल 2017 में परीक्षा दी थी पर पास नहीं हो पाया. अब तक कोई भर्ती नहीं हुई. घर के हालात ठीक नहीं हैं और मैं पढ़ाई के साथ दिहाड़ी मजदूरी भी कर रहा हूं. अगर भर्ती जल्दी नहीं हुई तो मैं ओवर-ऐज हो जाऊंगा. "

भोपाल के रहने वाले गौतम ने कहा, "हम गरीब हैं, और मेरे पास बस एक पुराना मोबाइल है. मैंने पिछली बार कुछ अंकों से परीक्षा में रहकर अब तक भर्ती का इंतजार किया. मैं दिहाड़ी मजदूरी कर रहा हूं और जल्द ही ओवर-ऐज होने वाला हूं. "

सुनिए अजीत की कहानी

उमरिया के रहने वाले अजीत ने साल 2017 में सब-इंस्पेक्टर बनने का सपना लेकर भोपाल आकर तैयारी शुरू की थी. लेकिन अब तक कोई भर्ती नहीं हुई. अब वे ओवर-ऐज होने वाले हैं. "मेरे पिता छोटे किसान हैं. अब घरवालों की उम्मीद खत्म हो चुकी है और मैं भी परेशान हूं. अगर भर्ती नहीं हुई, तो हम क्या करेंगे? " अजीत ने कहा.

पुष्पा ने बताई अपनी परेशानी

सतना जिले की ही पुष्पा साल 2017 से महिला सुपरवाइजर परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. घरवाले भी अब शादी की बात कर रहे हैं और वह अगले कुछ महीनों में ओवर-ऐज हो जाएंगी. "अब घरवाले कहते हैं कि पढ़ाई छोड़ दूं और घर का काम संभालूं. ये सब देखकर मुझे लगता है कि मेरी मेहनत बेकार जाएगी. "

लाखों लोगों की आँखों में सुनहरे भविष्य का सपना

इन तीनों की कहानियां उन लाखों युवाओं की कहानी हैं.... जो उम्र और परीक्षा के बीच झूल रहे हैं. मध्य प्रदेश में वर्दी वाले पदों के लिए सामान्य उम्मीदवार 33 साल की उम्र तक ओवर-ऐज हो जाते हैं. इस वक्त रोजगार दफ्तरों में 26 लाख बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं.

सरकार के दावे और जमीनी हकीकत

सरकार का दावा है कि एक साल में एक लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा. हालांकि, कर्मचारी चयन मंडल को इस साल 11 हजार पदों के लिए 8 परीक्षाएं आयोजित करनी थीं लेकिन अब तक सिर्फ दो परीक्षाएं ही हुई हैं. पिछले 10 सालों में 2024 पहला ऐसा साल था जब अगस्त तक एक भी भर्ती परीक्षा नहीं हो पाई.

रोज़गार मंत्री का बयान सुनिए

कौशल विकास और रोजगार मंत्री गौतम टेटवाल ने कहा, "हम चयन मंडल से लगातार संपर्क में हैं और परीक्षाएं समय पर आयोजित की जाएंगी. "

इसे लेकर विपक्ष का क्या है कहना ?

कांग्रेस प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने सवाल उठाया, "रोजगार मेले तो आयोजित किए जाते हैं लेकिन रोजगार क्यों नहीं मिल रहा? बेरोज़गारी दिन पर दिन बढ़ रही है, सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए." कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा में देरी से लाखों युवाओं की उम्मीदें टूट रही हैं. अगर जल्द ही परीक्षाएं नहीं होतीं तो मध्यप्रदेश के 2 लाख युवा ओवर-ऐज हो जाएंगे और उनकी मेहनत बेकार हो जाएगी.

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बता दें कि देश सारी परीक्षाएं, परीक्षा अधिनियम 1937 के तहत होती हैं. नियम तो यही है हर साल भर्ती परीक्षा होनी चाहिए. खामियाज़ा इसी साल MP के 2 लाख युवा भुगतेंगे जो ओवरऐज हो जाएंगे.

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