MP NEWS: मध्य प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने एक सार्वजनिक समारोह में स्वीकार किया कि वे कम से कम 500 शिक्षकों को जानते हैं जो स्कूल नहीं जाते और उन्होंने छात्रों को पढ़ाने के लिए दूसरे लोगों को नियुक्त किया है. इससे जुड़ा वीडियो वायरल होने के बाद मंत्री के इस बयान पर बवाल मचना तय था. वहीं इस पूरे मामले में उन्होंने अब सफाई दी है. सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसे लोगों को हम दंडित करने की बजाय उसको हम मोटिवेट करें जिससे वह भी अच्छा काम कर सकें.
अपनी जगह दूसरों को स्कूल में पढ़ाने भेजने वाले शिक्षकों को लेकर अपने बयान पर स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम अच्छे लोगों के साथ मिलकर बात कर रहे थे. हमारा लक्ष्य यह है कि हम मोटिवेशन करें. आप सेल्फ मोटिवेटेड है अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन जो लोग गलतियां कर रहे हैं लेकिन आप उन पर भी काम करो.
‘दंडित करने की बजाय उसको हम मोटिवेट करें'
स्कूली शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में हम दंडित करने की बजाय उसको हम मोटिवेट करें जिससे वह भी अच्छा काम कर सकें. जो अच्छा काम नहीं कर रहे हैं वह चिन्हित भी हैं लेकिन उन्हें दंडित करने की वजह उन्हें मोटिवेट करके अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करना है. कार्रवाई से हर चीज नहीं की जा सकती है जिनके ऊपर हमारे बच्चों का भविष्य निर्भर है.
‘आप मेरा पूरा भाषण सुनो…'
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, “ आप मेरा पूरा भाषण सुनो 35 से 40 मिनट का. जो समाज में बेहतर काम कर रहे हैं स्कूल के क्षेत्र में बच्चों को पढ़ा रहे हैं उनसे हमारा डिस्कशन हो रहा था. हम आपके लिए चुनौती है क्योंकि हर क्षेत्र में अच्छे और कमजोर लोग हैं. हमारा प्रयास है कि जो बेहतर काम नहीं कर पा रहे हैं जो चिन्हित हैं उनको मोटिवेट करें. कुछ चीज जो बोली जाती है वह भाषण का विषय होती हैं यदि मैंने कहा कि सौ तो आप ऐसा नहीं है कि कहो की गिनती करो. यह सिर्फ भाषण की विषय वस्तु होती है.
क्या था मामला?
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का सोशल मीडिया पर भाषण वायरल हुआ था जिसमें वह खुद कह रहे थे कि वह 500 ऐसे शिक्षकों को जानते हैं जो खुद स्कूल पढ़ाने नही जाते अपनी जगह किराए पर लोगों को पढ़ाने के लिए भेजते हैं.
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