MP News in Hindi : एक तरफ नर्सिंग को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चाएं जोरों पर चल रही हैं... तो वहीं, दूसरी तरफ सीधी जिले में शासकीय नर्सिंग कॉलेज ईमारत का कंस्ट्रक्शन काम कछुआ चाल के चलते चर्चा का विषय बना हुआ है. बीते एक दशक से चल रहा कंस्ट्रक्शन का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है. इसके चलते, अंडर कंस्ट्रक्शन ईमारत में ही कक्षाएं चलाई जा रही हैं और हॉस्टल के नाम पर निजी ईमारत मालिकों को लाखों रुपए की पेमेंट की गई है. इससे शासन-प्रशासन की सरकारी राशि को दोगुनी चपत लग रही है.
किस साल हुआ था टेंडर पास ?
बताया गया है कि साल 2014 में नर्सिंग कॉलेज बनाने के लिए 14 करोड़ रुपए पास किए गए थे. रूही कंस्ट्रक्शन कंपनी को कंस्ट्रक्शन का काम सौंपा गया, जिसने पेमेंट लेने के बाद काम को अधूरा छोड़ दिया. इसके बाद फिर से टेंडर हुआ और अब कृष्णा कंस्ट्रक्शन कंपनी को 6 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है. इतनी राशि खर्च होने के बावजूद भी अभी तक बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन का काम पूरा नहीं हो पाया है.
कब होगा कॉलेज का कंस्ट्रक्शन ?
शासकीय नर्सिंग कॉलेज सीधी की प्रिंसिपल कमलेश पटेल ने बताया कि ईमारत निर्माण कार्य पूरा न होने से काफी परेशानी हो रही है. साल 2020-21 का बैच अंडर कंस्ट्रक्शन ईमारत में ही चलाना पड़ा. लैब की भी सुविधा नहीं रही और हॉस्टल के लिए भी निजी ईमारत को किराए पर लिया गया था, जिसका हर महीने डेढ़ लाख रुपए किराया भुगतान होता था. उन्होंने कहा कि अगर ईमारत का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए तो काफी सुविधा मिलेगी. आने वाले दिनों में नर्सिंग की कक्षाएं प्रारंभ होंगी लेकिन अगर हालात ऐसे ही रहे तो काफी मुश्किल होगी.
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10 सालों से बन रहा नर्सिंग कॉलेज
सीधी नर्सिंग कॉलेज के कंस्ट्रक्शन में हो रही लेटलतीफी से छात्रों और कॉलेज प्रशासन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लंबे समय से चल रहे इस कंस्ट्रक्शन काम के कछुआ चाल ने इस जरूरी प्रोजेक्ट को अटका रखा है, जिससे शिक्षा पर भी असर पड़ रहा है.
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