
99th Tansen Music Festival in Gwalior Madhya Pradesh : विश्व के प्रमुख शास्त्रीय संगीत समारोहों में शुमार अंतरराष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह (International Tansen Music Festival) की तैयारियां ग्वालियर में शुरु हो गई है. हर वर्ष आयोजित होने वाले तानसेन समारोह में सम्मान भी प्रदान किया जाता है. इस वर्ष का तानसेन अलंकरण सम्मान धारवाड़ के प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित गणपति भट्ट (Pandit Ganapati Bhat) को प्रदान किया जाएगा. यह आयोजन 24 दिसम्बर से 28 दिसम्बर तक चलेगा. यूनेस्को (UNESCO) द्वारा ग्वालियर को म्यूजिक सिटी (Music City Gwalior) घोषित करने के बाद यह पहला आयोजन है, इसलिए इसकी खास तैयारिया की जा रही हैं. वहीं संगीत प्रेमियों (Music Lovers) में इसको लेकर खास उत्साह है.

ग्वालियर शहर में स्थापित विशाल वाद्य यंत्र
इस बार होगा 99वां समारोह
अकबर के नौ रत्नों में शामिल रहे प्रख्यात शास्त्रीय गायक तानसेन की यादों को चिर स्थायी रखने के लिए 1924 में तत्कालीन सिंधिया शासकों द्वारा ग्वालियर में स्थित उनकी समाधि पर सालाना शास्त्रीय संगीत समारोह की शुरुआत उर्स के रूप में की गई थी, लेकिन अस्सी के दशक में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह द्वारा इसे अंतराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया. इस आयोजन में हर वर्ष किसी लब्ध प्रतिष्ठित शासत्रीय कलाकार तानसेन अलंकरण से विभूषित किया जाता है यह इस क्षेत्र का देश मे सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है. इस बार यह 99 वां आयोजन है.
पंडित भट्ट को मिलेगा 2022 का तानसेन अलंकरण
हजीरा स्थित तानसेन समाधि स्थल पर आयोजित होने वाले इस आयोजन के पहले दिन 24 दिसम्बर को शाम को पंडित गणपति भट्ट को 2022 का तानसेन अलंकरण दिया जाएगा. इसी मौके पर कवि प्रदीप सम्मान गुरु सक्सेना को तथा मालव लोक कला केंद्र उज्जैन को कालिदास अलंकरण प्रदान किया जाएगा. इस समारोह में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और केंद्रीय मंत्रियों के उपस्थित रहने की उम्मीद है.

तानसेन का मकबरा
22 दिसम्बर से शुरू हो जाएंगे गमक आयोजन
इस समारोह से पहले दतिया और शिवपुरी सहित अंचल में 15 स्थानों पर गमक के नाम पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी. संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने बताया कि तानसेन समारोह 2023 के तहत 22 दिसम्बर 2023 को ग्वालियर के जिन प्रमुख स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेंगे, उनमें टाउन हॉल बाड़ा, बैजाताल, हस्सू-हद्दू खाँ सभागार, जयविलास पैलेस, राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय, शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय, शंकर गांधर्व महाविद्यालय, दत्त मंदिर, गंगादास की शाला, लक्ष्मीनारायण का मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, ग्वालियर किला, तानसेन कलावीथिका आदि स्थल शामिल हैं. 22 दिसम्बर को ही शिवपुरी एवं दतिया में “गमक” के अंतर्गत विशेष संगीत सभाओं का आयोजन होगा.
कला यात्रा 23 को निकलेगी
समारोह के तहत 23 दिसम्बर को पूर्व रंग “गमक” कार्यक्रम का आयोजन इंटक मैदान पर होगा. इसके साथ ही लोक नृत्य (Folk Dance) के कलाकारों द्वारा कला यात्रा किले के द्वार से इंटक मैदान तक पहुंचेगी. तानसेन समारोह 24 से 28 दिसम्बर 2023 तक समाधि स्थल हजीरा पर मुख्य मंच एवं संगीत सभाओं का आयोजन होगा.
चेन्नई और वाराणसी से भी लोग बुलाने की तैयारी
संभागीय आयुक्त श्री दीपक सिंह ने बताया कि नगर निगम आयुक्त से कहा गया है कि यूनेस्को द्वारा वाराणसी एवं चेन्नई शहर को भी संगीत नगरी की श्रेणी में शामिल किया है. इन दोनों नगरों के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों को तानसेन समारोह में शामिल होने हेतु सादर आमंत्रित किया जाएगा. इसके साथ ही जिन महाविद्यालय एवं विद्यालयों में संगीत की शिक्षा दी जाती है उनके विद्यार्थियों और शिक्षकों को भी कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया जाएगा.
सरकार ने गठित की समिति
तानसेन संगीत समारोह के लिए राज्य शासन ने एक आयोजन समिति का गठन किया है, इसमें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी शामिल किया गया है. इसमें सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, जिले के विधायक, महापौर के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों और संगीत विवि के कुलपति को शामिल किया गया है.
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