MP News- मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले का एक गांव इन दिनों चर्चा में है. यहां दूर-दूर से लोग खजाने की तलाश में आ रहे हैं.
दरअसल, बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत असीरगढ में इन दिनों चर्चा है कि गांव के पास इंदौर-इच्छापुर नेशनल हाईवे के निर्माण के लिए खुदाई की जा रही है और इस खुदाई के दौरान एक खेत में मुगलकालीन सोने-चांदी के सिक्के निकल रहे हैं. यह बात सुनकर रोजना शाम होते ही देर रात तक ग्रामीण यहां पहुंच रहे हैं और टॉर्च की रोशनी में सोने-चांदी के सिक्के मिलने की लालच में खुदाई रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, सबसे पहले यहां यह बात फैली कि खेत के मालिक और मजदूरों को सोने-चांदी के सिक्के मिले थे. इसके बाद गांव में यह चर्चा काफी तेज हो गई कि कई ग्रामीणों को खुदाई करने के दौरान सिक्के मिलने में सफलता हासिल हुई है. चर्चा यहां तक है कि जिन्हें सिक्के मिले थे उन्होने स्थानीय सराफा बाजार में यह सिक्के बेच कर नकदी ले ली है.
क्या बोले जानकार?
पुरातत्वविद और इतिहास के जानकार कमरूद्दीन फलक के अनुसार, इस गांव के पास में ही असीरगढ़ का अजेय किला है. यहां से मुगलकालीन सिक्के मिल चुके हैं. खुदाई में सिक्के मिलना हैरानी की बात नहीं है. उस जमाने में अमीर लोगों ने असीरगढ में पनाह ली थी और उस समय लोगो के पास अपने जमा धन को सुरक्षित रखने के दो ही उपाय होते थे या तो शाही खजाने में जमा करके पावती ले ली जाए या जमीन में धन को गाड़ दिया जाए. अधिकतर लोग अपने धन को जमीन में गाड़ देते थे.
उन्होंने कहा कि अगर नेशनल हाईवे के लिए पहाड़ी क्षेत्र में गहरी खुदाई हुई है और सिक्के मिलने की बात सामने आ रही है, तो जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और पुरातत्व विभाग को इसकी गहनता से जांच करनी चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर यह भी देखा जाता है कि कुछ लोग ऐसी अफवाह फैला कर नकली सिक्कों को असली बता कर लोगो से पैसे ऐंठने का काम भी करते हैं. कुल मिलाकर अफवाह की जांच कर यह भी पता लगाया जाना चाहिए कि कहीं तथाकथित ठग तो इस तरह की अफवाह नहीं फैला रहे हैं.
जिला प्रशासन से जांच की मांग
इस मुद्दे पर पुरातत्वविद और कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ने जिला प्रशासन से जांच की मांग की है. उनका कहना है कि अगर ये सिक्के सच में मुगलकालीन हैं, तो इन्हें जप्त कर सरकारी खजाने में जमा किया जाना चाहिए. वहीं, यदि यह अफवाह बेवजह फैलाई गई है, तो इसके पीछे के लोगों को बेनकाब कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
फिलहाल जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी इस मामले में अधिकृत रूप से कुछ नहीं कह रहे हैं. लेकिन मामला मीडिया में आने के बाद जिला प्रशासन, और पुलिस प्रशासन के कान खड़े हो गए हैं. अब उनके द्वारा भी इस मामले की जांच करने का मन बनाया जा रहा है. अब देखना दिलचस्प है कि प्रशासन इस खेत में खजाने की बात पर क्या जांच करता है और इसकी सच्चाई क्या है?
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