New Dictionary For MP Police: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पुलिस को अब पुराने शब्दों को छोड़कर नई शब्दावली (New Terminology) के अनुसार शब्दों का प्रयोग करना होगा. उदाहरण के लिए, पुलिस (MP Police) को अब यह नहीं कहना होगा कि वह 'गैर हाजिर' था, बल्कि पुलिस को यह कहना होगा कि वह 'अनुपस्थित' था. इसी तरह 'कत्ल' को 'हत्या' कहा जाएगा और 'जांच पड़ताल' की जगह 'अनुसंधान' की बात की जाएगी. यह बदलाव मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने पुलिस की कानूनी शाब्दिक डिक्शनरी में किया है.
अब पुलिस जब भी किसी मामले की 'जांच' करेगी तो उसे कहना होगा कि वह 'अनुसंधान' कर रही है. इसी तरह अगर कोई अपराध 'संगीन' है तो उसे संगीन न कहकर 'गंभीर' बताना होगा. अगर मामला 'तहकीकात' का है तो उसे अब 'जांच' कहना होगा. इस तरह के कई शाब्दिक बदलाव किए गए हैं. मध्य प्रदेश में पुलिस डिक्शनरी में कुल 675 शब्द ऐसे हैं जिन्हें बदला गया है.
कुल 675 शब्दों को बदला गया
आपको बता दें कि कानूनी भाषा में बहुत सारे ऐसे शब्द थे जिन शब्दों को या तो फारसी से लिया गया था या उर्दू से या फिर अंग्रेजी से. इन सभी शब्दों को अब हटाकर उनकी जगह पर सरल और हिंदी भाषा के शब्दों का चयन किया गया है. लगभग 675 ऐसे शब्द हैं जिन्हें कानूनी भाषा में जगह दी गई है. इसकी वजह सीधे तौर पर यह बताई जा रही है कि ये शब्द कहीं ना कहीं आम जनता की भाषा से सरोकार रखते हैं. क्या है जनता की राय?
हिंदी शब्दों के प्रयोग को बताया सही
इन बदलावों को लेकर कानूनी पक्ष रखने वाले जानकार अंकित जैन बताते हैं कि कानूनी भाषा में इस तरह के कई मुगल या फारसी शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो आम जनता से पूरी तरह सरोकार नहीं रखते और लोग उन्हें पूरी तरह समझ भी नहीं पाते हैं. ऐसे बहुत सारे शब्द हैं जिनका अब पुलिस की जांच के दौरान स्थानांतरण किया गया है और उनकी जगह पर हिंदी के सरल शब्दों की पैरवी की गई है.
वहीं व्यापार करने वाले गौरव खंडेलवाल का कहना है कि कहीं ना कहीं यह अपने आप में आम जनता से जुड़ी हुई बात है, जिसे साधारण शब्दों को लोग आसानी से समझ सकते हैं. व्यापार करने वाले राधे का कहना है कि उन्होंने साफ तौर पर यह महसूस किया है कि आज की तारीख में जब हम मुगल शासन से भी बाहर आ गए हैं, अंग्रेजों के शासन से भी निकल गए तो फिर हमारे आसपास हिंदी के शब्द मौजूद क्यों नहीं हैं.
अपराध पर लगाम कब?
मध्य प्रदेश पुलिस के शब्दकोश में नए शब्दों को जोड़ दिया गया है. बहुत सारे ऐसे शब्द हैं जो अब नहीं बोले जाएंगे. इन शब्दों पर लगाम लगाई जा रही है. लेकिन, इस बीच सवाल यह भी उठ रहा है कि कानून अपना ठीक ढंग से काम करते हुए समाज में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने में कब कामयाब होगा?
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