MP News: मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के गंभीर मामले की जांच के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. अस्पताल परिसर में अवैध और असुरक्षित तरीके से ब्लड डोनेशन करने वाले व्यवसायिक ब्लड डोनरों को पकड़ा गया है. सतना सिटी कोतवाली पुलिस ने दो युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है.
सतना ब्लड बैंक के आसपास 5-6 संदिग्ध लोग घूमते पाए गए
एचआईवी पॉजिटिव बच्चों के मामले की जांच समिति की सदस्य औषधि निरीक्षक वृत्त सतना में पदस्थ प्रियंका कुमारी चौबे ने सिटी कोतवाली थाने में लिखित आवेदन दिया. आवेदन के अनुसार 19 दिसंबर 2025 को निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल सतना के ब्लड बैंक के आसपास 5-6 संदिग्ध लोग घूमते पाए गए, जो मरीजों के परिजनों को ब्लड उपलब्ध कराने की फिराक में थे.
20 दिसंबर 2025 को दोपहर करीब 2 बजे सूचना के आधार पर दो युवकों को ब्लड डोनेशन को लेकर बातचीत करते हुए पकड़ा गया. पूछताछ में उन्होंने असुरक्षित तरीके से ब्लड डोनेट करने और इसके बदले 4000 रुपये प्रति यूनिट लेने की बात स्वीकार की. पकड़े गए आरोपियों की पहचान शिवम उर्फ विजय वर्मा (26), निवासी गुलुआ पवैया थाना कोठी और अंकित नामदेव (24), निवासी रैगांव मंदिर के पास थाना रैगांव जिला सतना के रूप में हुई है. दोनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है.
सतना पुलिस के अनुसार आरोपियों का कृत्य मानव जीवन के प्रति घोर लापरवाही दर्शाता है, जिससे गंभीर और जानलेवा बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ था. मामले में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है. थाना प्रभारी रवेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है.
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