White Tiger Safari: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा ( Rewa) के लिए खुशखबरी है. यहां 250 एकड़, यानी 100 हेक्टेयर में एक नई सफारी जल्द बनेगी, जिसमें 25-25 एकड़ में येलो टाइगर सफारी बनेगी. जिराफ जेब्रा सफारी, और लॉयन सफारी होगी. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला (Deputy CM Rajendra Shukla) रीवा के वन विभाग के दफ्तर में पहुंचकर इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठककर निर्देश दिए हैं. वर्तमान में रीवा में दुनिया की एकमात्र व्हाइट टाइगर सफारी (White Tiger Safari) मौजूद है.
अगले चरण में काम पूरा होने के बाद रीवा में एक नहीं चार, चार सफारी मौजूद होंगी, जो आपको शायद ही कहीं और देखने के लिए मिले, सफारी बनाने के लिए मुकुंदपुर में सरकारी जमीन उपलब्ध है. भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस जगह पर व्हाइट टाइगर सफारी (White Tiger Safari) बनाई गई थी. माना जा रहा है तीन अन्य सफारी बनाने में यहां पर किसी भी तरीके की सरकारी या कोई भी रुकावट नहीं आएगी. शीघ्र ही सरकारी अनुमति भी मिल जाएगी.
100 हेक्टेयर पर नई प्लानिंग करें-डिप्टी सीएम
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ रीवा के जयंती कुंज में एक बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को सतना जिले के मुकुंदपुर में स्थित दुनिया की एकमात्र मार्तंड सिंह व्हाइट टाइगर सफारी के बगल में 100 हेक्टेयर पर एक नई प्लानिंग करने के निर्देश दिए हैं. राजेंद्र शुक्ल ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा तत्काल प्लान बनाया जाए. प्लान बनाने के बाद प्रदेश और केंद्र सरकार को भेजा जाए. मास्टर प्लान स्वीकृत होने के बाद इस पर काम प्रारंभ कर दिया जाए.
20 साल का प्लान बनाकर स्वीकृत के लिए भेजें
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों से कहा कि आगे आने वाले 20 साल का प्लान बनाकर स्वीकृत के लिए भेजें. इसी के साथ उपमुख्यमंत्री ने कहा दुनिया की एकमात्र मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी को बनारस से खजुराहो पर्यटन मार्ग के नक्शे में शामिल किया जाए. जिससे इस रूट पर पर्यटन करने वाले लोग यहां भी पहुंच सकें.
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मुकुंदपुर में पर्याप्त सुविधाएं हैं मौजूद
हम आपको बता दें दुनिया का पहला सफेद बाघ रीवा में पकड़ा गया था, आज दुनिया में जितने भी सफेद बाघ हैं, वह सब रीवा की ही देन हैं, अभी जो सफारी बनाई गई है, वह उसी की याद में है, जिस तरीके से नई प्लानिंग की जा रही है, वह पूरा होने के बाद रीवा इस क्षेत्र में विश्व स्तर पर दिखाई देने लगेगा. इतने बड़े एरिया में जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए मुकुंदपुर में पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं. यह जंगली इलाका है, सरकार के पास जमीन उपलब्ध है, सरकार को किसी भी प्राइवेट आदमी से जमीन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बस सरकारी स्वीकृत चाहिए. उसके बाद रीवा में एक नहीं चार-चार सफारियां नजर आएंगी. टूरिस्ट के लिए यह जहां एक आदर्श स्थान होगा. वहीं, इस इलाके में रोजगार के संसाधन भी तेजी से पैदा होंगे.