Madhya Pradesh News: 181 यह नंबर मध्य प्रदेश की सीएम हेल्पलाइन (CM Helpline 181) का है. इस नंबर पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उसके बाद आपकी फरियाद पर सुनवाई होती है और तय समय सीमा के अंदर संबंधित विभाग को शिकायत का निपटारा करना पड़ता है. सीएम हेल्पलाइन की टैग लाइन है जन हेतु-जन सेतु, लेकिन पीड़ितों को न्याय की उम्मीद दिखाने वाली सीएम हेल्पलाइन अब शिकायतकर्ता के जी का जंजाल बनती जा रही है.
पीड़ितों पर गुंडागर्दी
सीएम हेल्पलाइन से शिकायत हटवाने के लिए अफसर पीड़ितों पर गुंडागर्दी और दवाब बनाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला भिंड के एक गांव में देखने को मिला, जहां सीएम हेल्पलाइन से शिकायत क्लोज करवाने के लिए आधा दर्जन पुलिसकर्मी पीड़ित के घर मे घुस गए और जमकर गुंडागर्दी की. इतना ही नहीं घर में मौजूद महिलाओं के साथ झूमाझटकी कर गाली-गलौज की.
मोबाइल लेकर भागे पुलिसकर्मी
जिस मोबाइल से सीएम हेल्पलाइन में मदद की गुहार लगाई थी, पुलिस उस मोबाइल को छुड़ाकर भाग गई. घटना के बाद अब पुलिस अफसर अपने पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए और जांच का आश्वासन दे रहे हैं.
कहां का है मामला?
दरअसल यह पूरा मामला फूप थाना क्षेत्र के गांव का है. यहां रहने वाले दिनेश सिंह भदौरिया ने दो साल पहले अपने जीजा के खिलाफ दहेज एक्ट (Dowry Act) की धाराओं में मामला दर्ज कराया था. लेकिन दो साल से पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर रही थी.
शिकायत के बाद पुलिस आरोपी को तलाशने की बजाय उल्टा फरियादी पर सीएम हेल्पलाइन बंद कराने का दबाव बनाने लगी. इतना ही नहीं फूप पुलिस गुंडागर्दी पर उतर आयी. बीते बुधवार की शाम फूप थाने से आधा दर्जन से अधिक पुलिस फरियादी दिनेश सिंह के घर पहुंची. पुलिस ने घर में घुसकर सबसे पहले उस मोबाइल फोन को ढूंढने का प्रयास किया, जिससे सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई थी.
घटना के बाद पुलिस प्रताड़ना की शिकायत लेकर फरियादी एसपी ऑफिस (SP office) पहुंचे. जहां एसपी के नहीं मिलने पर प्रभारी डीएसपी अरुण कुमार उइके से मुलाकात हुई. प्रभारी डीएसपी (DSP in-charge) अरुण कुमार उइके ने पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि इस मामले में थाना प्रभारी से जवाब मांगा गया है. पूरी घटना की जांच की जाएगी, जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
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