Madhya Pradesh: छतरपुर जिले (Chhatarpur) के महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबंद्ध महाविद्यालय गोमती नंदन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च बीना जिला सागर से भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है. इस महाविद्यालय ने एमबीए करवाने के लिए प्रथम वर्ष में बच्चों का एडमिशन कर लिया जबकि इस कॉलेज की मान्यता ही नहीं थी. इसके बाद इस कॉलेज के जिम्मेदार लोगों ने मान्यता प्राप्त करने के लिए कूटरचित दस्तवेज तैयार कर लिए गए और यूनिवर्सिटी में प्रस्तुत भी कर दिए. इसके बाद जब जांच हुई तब यह पूरा मामला सामने आया.
जानिए आखिर क्या है पूरा मामला
महाविद्यालय गोमती नंदन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च बीना ने एमबीए 2023-24 में प्रथम वर्ष के प्रवेश के लिए महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्धता के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था. लेकिन विश्वविद्यालय की निरीक्षण समित की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय द्वारा सम्बद्धता दिए जाने के पहले ही कॉलेज ने कूटरचना करके दस्तावेज बना लिए और मान्यता के लिए कार्यालय आयुक्त, संचालनालय तकनीकी शिक्षा के सामने प्रस्तुत कर दिए. आयुक्त ने जब दस्तावेजों को वेरीफाइ कराने के लिए 13 सिंतबर 2023 को विश्वविद्यालय में जांच की तो जो दस्तावेज फर्जी पाए गए.
अभी तक नहीं हुई हो कोई कार्रवाई
इस मामले में ना तो अब तक एफआइआर नहीं हुई है और ना किसी भी तरह की कोई और कार्रवाई ही हुई है. महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालयम विद्यालय की कुलसचिव यशवंत पटेल का कहना है कि इस मामले में एफआईआर हो गई है. लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अभी कोई एफआईआर नहीं की गई है.
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