Jaibhan Singh Pawaiya Z catergoy security : इंटेलिजेंस इनपुट (Intelligence Input) के आधार पर मध्यप्रदेश के बड़े हिंदूवादी नेता जयभान सिह पवैया की सुरक्षा बढाई गई है. उन्हें अब Z सुरक्षा कवर देने के आदेश जारी किए गए हैं. राम जन्मभूमि आंदोलन (Ram Janmabhoomi Movement) के मुख्य केन्द्र बिंदु रहे पवैया उस समय बजरंग दल (Bajrang Dal) के राष्ट्रीय संयोजक रहे थे. पवैया ने एनडीटीवी (NDTV) से फोन पर बातचीत में इस आदेश की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि उन्हें भी इसकी सूचना आज ही प्राप्त हुई है. बताया गया है कि राम मंदिर (Ram Mandir) के उद्घाटन के चलते आईबी इनपुट्स (IB Inputs) के चलते गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी किए हैं.
बाबरी विध्वंस मामले में मुख्य आरोपी रहे हैं पवैया
मूलतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पृष्ठभूमि से राजनीति में आये पवैया को राम मंदिर आंदोलन और बाबरी ढांचे के विध्वंस मामले के मुख्य किरदारों में से एक माना जाता है. कट्टर हिन्दू छवि वाले पवैया को इस ढांचे के बाद लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Aadwani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) जैसे मुख्य लोगों के साथ आरोपी बनाया गया था.
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक रहे हैं पवैया
राम जन्मभूमि आंदोलन को गति देने का श्रेय पवैया को ही जाता है. संघ ने पहले उन्हें मध्यप्रदेश में बजरंग दल का मुखिया बनाया और फिर आंदोलन को गति देने का समय आया तो विनय कटियार की जगह पवैया को बजरंग दल की राष्ट्रीय स्तर पर कमान सौंपी गई. विध्वंस करने वाले बजरंगियों को तैयार करने में पवैया ने अहम भूमिका निभाई थी. यही वजह है कि विध्वंस के बाद उन्हें इस मामले के प्रमुख आरोपियों में शामिल करते हुए केस दर्ज किया गया.
लंबे समय से कड़ी सुरक्षा मिली है उन्हें
राम जन्मभूमि आंदोलन के बाद से ही वे मुस्लिम कट्टरपंथियों के राडार पर माने जाते हैं. उन्हें सुरक्षा व्यवस्था मिली हुई है, अब तक उन्हें वाय श्रेणी (Y category Security) की सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन अब अगले माह अयोध्या में श्रीराम मंदिर का लोकार्पण होना है, इस बीच आईबी और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर बीते दिनों गृह मंत्रालय द्वारा किये गए रिव्यू में ये आदेश जारी किए गए. अब उनके आसपास जेड श्रेणी का सुरक्षा घेरा रहेगा. पवैया ने एनडीटीवी ने इसकी पुष्टि की लेकिन बाकी कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
सांसद और मंत्री रहे हैं पवैया
संघ से भाजपा में आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी बनाया. एक बार वे ग्वालियर से सांसद रहे और एक बार ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी चुने गए. उस दौरान वे शिवराज सिंह की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी बने, लेकिन 2018 का चुनाव हार गए. अभी वे भाजपा से महाराष्ट्र के सह प्रभारी हैं.
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