Soil Testing Center maihar: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मैहर (Maihar) में मृदा परीक्षण केंद्र तो स्थापित कर दिया गया. लेकिन, यहां कभी कोई स्टाफ नहीं आया. हालात ये है कि भवन लगाए गए तालों में जंग लग गई है. यहां का पूरा स्टाफ लापता है. यानी मैहर में मिट्टी की गुणवत्ता जांचने के लिए बनाए केंद्र का हाल बेहाल है.
यहां ब्लॉक मुख्यालय स्तर में बनाए गए मृदा परीक्षण केंद्र (Soil Testing Center) के हालात जर्जर हैं. भवन और संसाधनों के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी आज तक ताले नहीं खुले.आलम यह है कि जानकारी के अभाव में किसान मिट्टी लेकर परीक्षण कराने आते तो हैं, लेकिन ताले की जंग देख कर लौट जाते हैं. लगभग डेढ़ दशक से यही हालात हैं, जिस पर न तो स्थानीय प्रशासन का ध्यान है और न ही सरकार कोई पहल कर रही है.
खास बात ये है कि लगभग डेढ़ दशक पहले प्रदेश सरकार ने जिला मुख्यालयों के अतिरिक्त 313 ब्लॉकों में मिट्टी परीक्षण केंद्र खोले थे, ताकि किसानों को नजदीकी केंद्रों से मिट्टी की स्थिति का पता चल सके कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व हैं और किसकी कमी है. ताकि इसकी जानकारी होने के बाद उसी आधार पर उर्वरक दिया जाए और फिर फसल की बोनी की जाए.
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निराश होकर लौट रहे किसान
खरीफ फसल की बोनी का समय नजदीक है. ऐसे में मिट्टी के पोषक तत्व जानने के लिए किसान नमूने लेकर केंद्र पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है, क्योंकि यहां पर कोई स्टाफ नहीं है. लिहाजा, उन्हें केवल भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. एक तरफ किसानों को वैज्ञानिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ स्थिति ऐसी है, जिससे किसानों का कोई हित हो ही नहीं सकता.
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