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MP में होमगार्ड जवानों की बल्ले-बल्ले ! अब पूरे 12 महीने मिलेगी नौकरी, 'कॉल ऑफ' नियम खत्म

मध्य प्रदेश के करीब 10,000 होमगार्ड जवानों के लिए हाईकोर्ट का एक फैसला बड़ी खुशखबरी लेकर आया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उनकी नौकरी से जुड़े 'कॉल ऑफ' (Call Off) नियम को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है.इसका सीधा मतलब है कि अब होमगार्ड जवानों को साल में 2-3 महीने बिना काम और बिना वेतन के घर नहीं बैठना पड़ेगा.

MP में होमगार्ड जवानों की बल्ले-बल्ले ! अब पूरे 12 महीने मिलेगी नौकरी, 'कॉल ऑफ' नियम खत्म

Jabalpur High Court Homeguard: मध्य प्रदेश के करीब 10,000 होमगार्ड जवानों के लिए हाईकोर्ट का एक फैसला बड़ी खुशखबरी लेकर आया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उनकी नौकरी से जुड़े 'कॉल ऑफ' (Call Off) नियम को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है.इसका सीधा मतलब है कि अब होमगार्ड जवानों को साल में 2-3 महीने बिना काम और बिना वेतन के घर नहीं बैठना पड़ेगा. उन्हें अब पुलिस और बाकी सरकारी कर्मचारियों की तरह पूरे 12 महीने रोजगार मिलेगा और सारे सरकारी फायदे भी मिलेंगे.

क्यों परेशान थे होमगार्ड?

बता दें कि होमगार्ड संगठन 1948 में बना था, जिसका मकसद था इमरजेंसी में पुलिस की मदद करना. लेकिन 1962 के बाद से ये लोग पुलिस के साथ पूरे समय ड्यूटी करने लगे.इसके बावजूद,सरकार उन्हें स्वयंसेवी (Volunteer) मानती रही और हर साल 2 से 3 महीने के लिए ड्यूटी से हटा देती थी,जिसे 'कॉल ऑफ'कहते थे. इस दौरान उन्हें कोई वेतन या भत्ता नहीं मिलता था.यह भेदभाव होमगार्ड्स के लिए रोजी-रोटी का बड़ा संकट था,जबकि उनके साथ के बाकी लोगों को पूरे साल काम मिलता था.

कोर्ट तक कैसे पहुँचा मामला?

साल 2008 में, होमगार्ड्स ने अपनी खराब नौकरी की शर्तों को लेकर मानव अधिकार आयोग में शिकायत की.आयोग ने भी माना कि 'कॉल ऑफ' नियम गलत है और सरकार से इसे खत्म करने को कहा. हालांकि इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए. इसके बाद 2011 में होमगार्ड्स हाईकोर्ट पहुँचे. हाईकोर्ट ने तब भी सरकार को नियम बदलने और 'कॉल ऑफ'खत्म करने का आदेश दिया था.जब सरकार ने कोर्ट के आदेश के बाद भी 2 महीने 'कॉल ऑफ'का प्रावधान रखा, तो लगभग 490 होमगार्ड जवानों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर इस भेदभाव को सीधे चुनौती दी.

कोर्ट ने क्या कहा?

याचिकाकर्ताओं के वकील विकास महावर ने कोर्ट को समझाया कि होमगार्ड अब केवल इमरजेंसी वाले स्वयंसेवक नहीं रहे, बल्कि वे पुलिस के साथ नियमित रूप से हर काम करते हैं. इसलिए उनके साथ भेदभाव करना संविधान के नियमों के खिलाफ है.लम्बी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आखिरकार फैसला सुनाया. कोर्ट ने साफ कहा कि 'कॉल ऑफ' की यह प्रक्रिया पूरी तरह से अनुचित और गलत है, और इसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए.कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी होमगार्ड जवानों को अब पूरे साल काम पर रखा जाए और उन्हें वे सभी लाभ दिए जाएँ, जिनके वे हकदार हैं.यह फैसला हजारों जवानों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है.
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