
Commission Fixing Case: पंचायत विकास कार्यों (Panchayat Development Works) में बाकायदा प्रस्ताव पारित कर कमीशन के रेट (Commission Rates) तय करने के मामले को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने गंभीरता से लिया है. जबलपुर पीठ (Jabalpur Bench) के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार समेत संबंधित अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को नोटिस जारी कर 6 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया है.
क्या है पूरा मामला?
अनूपपुर जिले की ग्राम पंचायत सलारगोड़ी में सरपंच, उप सरपंच और पंचों पर जनहित याचिका दायर कर आरोप लगा कि उन्होंने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर विकास कार्यों की राशि में अपना कमीशन तय कर लिया था. इसमें कहा गया कि सरपंच विक्रम प्रसाद ने 10%, उप सरपंच सोनियाबाई ने 7% और पंच नरबदिया बाई ने 5% कमीशन निर्धारित कर लिया है.
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अधिकारियों की चुप्पी पर हाईकोर्ट सख्त
जनहित याचिकाकर्ता सुनील कुमार सोनी की ओर से अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने कोर्ट में दलील दी कि इस भ्रष्टाचार के उजागर होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. समाचार प्रकाशन और शिकायतों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाए गए हैं. इसी कारण से हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई गई. कोर्ट ने राज्य शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, कलेक्टर अनूपपुर, जिला एवं जनपद पंचायत के सीईओ सहित संबंधित पंचायत प्रतिनिधियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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