ग्वालियर : मध्यप्रदेश में हो रही बिजली कटौती से प्रदेश के उपभोक्ता भले ही परेशान हों लेकिन ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह के पास आरोपों के अनोखे जवाब हैं. वह कहते हैं कि 2003 का दिग्विजय सिंह का वह कार्यकाल याद करो, जब लोग पूछते थे कि बिजली कब आएगी लेकिन आज लोग पूछते है कि अरे लाइट कब चली गई. ग्वालियर में मीडिया से बातचीत में तोमर से जब अंधाधुंध बिजली कटौती को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे वह दिन भी याद है जब 2002-2003 में रात-रात भर अंधेरा रहता था और भरी गर्मी में महिलाएं अपनी साड़ी के पल्लू से हवा करके बच्चों को सुलाने की कोशिश करती थीं लेकिन अब न ऐसा बिजली संकट है और न ऐसी कटौती.
उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है. तब बिजली का उत्पादन माइनस में चला गया था. हमें बताते हुए बहुत गर्व है कि आज हमारा राज्य सरप्लस में है. ऊर्जा मंत्री ने माना कि बिजली की कटौती होती है लेकिन यह बिजली की कमी के कारण नहीं बल्कि अन्य वजहों से होती है. उन्होंने कहा कि बिजली कटौती सिर्फ मेंटेनेंस के लिए होती है. प्रदेश भर में और ग्वालियर में भी सड़कों की चौड़ीकरण का काम हो रहा है, मोनोपल लगाने का काम हो रहा है अन्य विकास के काम हो रहे हैं इसलिए बिजली जा रही है.
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'सुधार के लिए सहना पड़ता है कष्ट'
उन्होंने कहा, 'जब विकास कार्य होते हैं तो कुछ घंटे के लिए बिजली को रोका जाना आवश्यक हो जाता है.'
ऊर्जा मंत्री तोमर ने अपने कार्यकाल में ऊर्जा विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि किसानों को लाभ देने के लिए हमने कृषि मित्र योजना की शुरुआत की, जिसमें कनेक्शन लेने पर सब्सिडी देना शुरू करेंगे. प्रदेश के एक किलोवाट के बिजली बिल अगस्त तक सरकार ने फ्रीज कर दिए हैं.
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स्मार्ट मीटर के सवाल पर क्या बोले ऊर्जा मंत्री?
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 997 करोड़ रुपए की लागत से सिस्टम सुदृढ़ीकरण यानी एसएसडी योजना से ट्रांसफार्मर का उन्नयन, विद्युत लाइनों का मेंटेनेंस, यह काम बहुत तेजी के साथ किया जा रहा है. प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री तोमर ने कहा कि स्मार्ट मीटर इसलिए लगेंगे कि लोगों को सुविधा मिले. वह देख सकें कि हमारे घर में कितनी बिजली जल रही है. बिजली ज्यादा खर्च ना हो उसकी सेविंग कर सकें. बिल गलत ना आए, अपने मोबाइल पर डाटा देख सकें. उन्होंने कहा कि परंतु स्मार्ट मीटर के लिए अभी कोई टेंडर नहीं हुए हैं, कोई एजेंसी भी फिक्स नहीं हुई है.