Madhya Pradesh Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा आलाकमान की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं करना शिवराज सिंह चौहान को खटकने लगा है. लिहाजा, आलाकमान को संदेश देने के लिए शिवराज अब जगह-जगह जनसभाओं में जनता से पूछ रहे हैं कि क्या मुझे फिर से सीएम नहीं बनना चाहिए. उनके इस बयान पर कांग्रेस नेता (Congress Leader) व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath)ने इसे भाजपा (BJP) की हताशा करार दिया है.
कांग्रेस ने बताया दबाव बनाने की रणनीति
इन सवालों को लेकर चौहान पर निशाना साधते हुए विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए लोगों से ऐसे सवाल पूछना शुरू कर दिया है, क्योंकि पीएम मोदी ने हाल के अपने भाषणों में मुख्यमंत्री के नाम का उल्लेख करना बंद कर दिया है और 'उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया है.
कमलनाथ बोले, चरम पर है भाजपा की हताशा
चौहान की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा की हताशा चरम पर है. उन्होंने सोशल मीडिया मीडिया 'एक्स' पर लिखा कि मध्य प्रदेश भाजपा में हताशा चरम पर है. पहले प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम लेना बंद कर दिया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया. इसके जवाब में प्रधानमंत्री पर दबाव बनाने के लिए पहले तो मुख्यमंत्री ने जनता के बीच यह पूछना शुरू किया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं लड़ूं और अब सीधे पूछ रहे हैं कि मोदी जी को प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि पीएम और सीएम की जंग में भाजपा में जंग होना तय है. जिन्हें टिकट मिला, वे लड़ने को तैयार नहीं हैं और जो टिकट की रेस से बाहर हैं, वे सबसे लड़ते फिर रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने भी कहा था कि अब शिवराज नहीं बनेंगे सीएम
इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी गुरुवार को को राज्य के धार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि चौहान फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी यहां जब भी वे आते हैं, तो आजकल वह शिवराज सिंह का नाम लेने से कतरा रहे हैं. बस अपना नाम ले रहे हैं और लोगों से अपने लिए वोट मांग रहे हैं. अब वह (चौहान) आपके मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं.
आलाकमान ने नहीं पेश किया शिवराज का नाम
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के राजनीतिक हलकों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से शिवराज सिंह चौहान को दरकिनार किए जाने की अटकलें जोरों पर हैं. इन अटकलों को इससे भी मजबूती मिलती है, क्योंकि आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने कई दिग्गज नेताओं को विधानसभा का टिकट देकर मैदान में उतार दिया है. माना जा रहा है कि पार्टी की बहुमत बरकरार रहने की स्थिति में इन दिग्गजों में से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इस सप्ताह की शुरुआत में वरिष्ठ भाजपा नेता विजयवर्गीय ने कहा था कि वह केवल विधायक बनने के लिए आगामी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि पार्टी उन्हें कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देगी.
इन दिग्गजों को मिला है विधानसभा का टिकट
गौरतलब है कि भाजपा ने अभी तक 79 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है, जिनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हैं. इन सभी राजनीतिक दिग्गजों को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है. गौरतलब है कि अगस्त में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह से जब पूछा गया था कि क्या चौहान पार्टी के मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे, तो शाह ने मीडिया से सवाल किया था कि वह पार्टी का काम (पदों के लिए व्यक्तियों का चयन) क्यों कर रहे हैं?
यह कहा था चौहान ने
डिंडौरी में शुक्रलार को हुई चुनावी सभा में चौहान ने कहा कि मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि मैं अच्छी सरकार चला रहा हूं या खराब. तो क्या इस सरकार को आगे जारी रहना चाहिए या नहीं? क्या मामा को मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? इसके साथ ही उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से यह भी पूछा कि क्या नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए और क्या भाजपा की (राज्य और केंद्र में) सत्ता बरकरार रहनी चाहिए? रैली में उपस्थित लोगों ने जब इन सभी सवालों का जवाब 'हां' में दिया तो उन्होंने कहा कि तो भाइयों और बहनों आइए संकल्प लें कि जो हमारा सहयोग करेगा, हम उसका समर्थन करेंगे.
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अबसे पहले पूछा था चुनाव लड़ूं या नहीं
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर सबसे लंबे समय से काबिज चौहान को हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रमों और रैलियों के दौरान भावुक होते देखा गया है. अपने गृह क्षेत्र बुधनी में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं. बुधनी में मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा था कि जब वह आसपास नहीं होंगे, तो उन्हें मेरे जैसे भाई की याद आएगी.
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धर्म गुरुओं का लिया आशीर्वाद
शुक्रवार को उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में चौहान ने कहा कि राजनीति की राह फिसलन भरी है और हर कदम पर फिसलने का डर है. उन्होंने इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले आध्यात्मिक नेताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए आशीर्वाद मांगा कि वह सदाचार के मार्ग पर चलते रहें.
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शिवराज ने अपने बयान पर यह दी सफाई
आगामी चुनावों के लिए अपनी उम्मीदवारी को लेकर सार्वजनिक स्वीकृति मांगने वाले हालिया बयानों के बारे में पूछे जाने पर चौहान ने कहा कि इसका मतलब है कि हम एक-दूसरे को भाई-बहन मानते हैं. मामा का परिवार, जो राज्य के लोग हैं, इस बात को समझता है. अगर हमें (चुनाव) लड़ना है, तो हम लोगों से पूछकर ही ऐसा करेंगे. उन्होंने कहा कि यह एक पारिवारिक रिश्ता है और इसे समझने के लिए गहन अंतर्दृष्टि की जरूरत है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं.