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MP बोर्ड का परिणाम ! स्कूलों का नतीजा धड़ाम, देश भर में 65 लाख स्टूडेंट फेल

MP Board Result Decline : बीते साल भारत में करीब 65 लाख से ज्यादा छात्र 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए. देश में 56 राज्य स्कूल बोर्ड और 3 नेशनल स्कूल बोर्ड के परिणाम पर ये रिपोर्ट सामने आई है. शिक्षा विभाग को मानें तो, पिछले साल देश भर में 10वीं और 12वीं के कई लाख छात्र फेल हो गए.

MP बोर्ड का परिणाम ! स्कूलों का नतीजा धड़ाम, देश भर में 65 लाख स्टूडेंट फेल
MP बोर्ड का परिणाम ! स्कूलों का नतीजा धड़ाम, देश भर में 65 लाख स्टूडेंट फेल

Madhya Pradesh : बीते साल भारत में करीब 65 लाख से ज्यादा छात्र 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए. देश में 56 राज्य स्कूल बोर्ड और 3 नेशनल स्कूल बोर्ड के परिणाम पर ये रिपोर्ट सामने आई है. शिक्षा विभाग को मानें तो, पिछले साल देश भर में 10वीं और 12वीं के कई लाख छात्र फेल हो गए. इस आकड़ें में सबसे ज़्यादा हैरान करने वाली बात है कि सबसे ज़्यादा फेल होने वाले छात्र उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से हैं. जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा ! 10वीं बोर्ड के सबसे ज़्यादा असफल छात्र मध्य प्रदेश से हैं जबकि 12वीं के सबसे खराब रिजल्ट में मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है. मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार का भी यही हाल है.

MP के सतना से आई रिपोर्ट

इसे से जुड़ी एक रिपोर्ट मध्य प्रदेश के सतना जिले से सामने आई है. जहां कामता टोला हाईस्कूल के 27 शिक्षक 25.9 फीसदी से ज़्यादा रिजल्ट नहीं ला सके. NDTV की टीम ने सस्टने जिले के कमजोर परिणाम वाले दो विद्यालयों जायजा लिया. शहर में चल रही हाई स्कूल कामता टोला का परिणाम 25.8 प्रतिशत रहा. इसी तरह से जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर के हायर सेकंडरी कन्या विद्यालय भैसवार भी अच्छे परिणाम नहीं दे सका.

बोर्ड के नतीजों में गिरावट क्यों ?

बोर्ड का परिणाम क्यों गिरा इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने पिछले दिनों रिव्यू मीटिंग की. जिसमें प्राचार्य से जवाब दिया गया. विद्यालयों के प्राचार्य ने खराब परिणाम को लेकर तमाम तरह की बातें कहीं उनके मुताबिक कहीं स्टाफ छुट्टी में था.... तो कहीं, छात्र नियमित विद्यालय नहीं आते थे. मगर बड़ा सवाल यही है कि स्कूलों का परिणाम सुधरे तो सुधरे कैसे?

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बच्चों का पढ़ाई पर ध्यान ज़रूरी

इसे लेकर प्राचायों का मानना है कि आर छात्र नियमित पढ़ाई-लिखाई में हिस्सा लें और घर पर उनके माता-पिता भी उनकी पढ़ाई के लिए व्यवस्थाएं कर पाए तभी बेहतर नतीजा लाया जा सकता है. स्कूल की कक्षाओं में पढ़ाई-लिखाई के अलावा छात्रों को अलग से भी अभ्यास की ज़रुरत होती है.

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