Beggar Free India Campaign: भारत को भिखारियों से मुक्त बनाने के लिए देश के 30 हॉटस्पॉट की लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें मध्य प्रदेश के खजुराहो (Khajuraho) का नाम भी शामिल था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी इसपर कोई पहल नहीं हुआ और आज खजुराहो भिखारी मुक्त महज कागज में बनकर रह गई. इतना ही नहीं खजुराहो में जो भिक्षुक घर बनाया गया है उसमें भी 24 घंटे ताला लटकता रहता है.
2026 तक 30 शहरों को बनाना था भिखारी मुक्त
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य 2026 तक 30 शहरों को भिक्षावृत्ति से मुक्त बनाना था. वहीं शहरों में सर्वेक्षण और पुनर्वास के दिशा-निर्देशों की निगरानी के लिए राष्ट्रीय पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाना था, लेकिन एक साल बाद इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इस काम में लिप्त लोगों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
आश आश्रय स्थल पर लगा रहता है ताला
स्थानीय निवासी गणेश रजक जो टैक्सी चालक है. उन्होंने बताया कि बस स्टैंड के पास भिखारी के लिए आश आश्रय स्थल बना हुआ है वो कभी खुलता ही नहीं है और ना ही भीख मांगने वाले लोग वहां दिखाई देते हैं, लेकिन मतंगेश्वर मंदिर के आसपास बहुत सारे लोग आज भी भीख मांगते हुए दिख रहे हैं.
एक अन्य स्थानीय निवासी बताते हैं कि खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव मंदिर और आसपास के क्षेत्रों में आज भी लोग भीख मांग रहे हैं. अगर प्रशासन भिखारी मुक्त शहर बनाने पर जोर देती तो पर्यटकों को इस समस्या से न केवल निजात मिलेगी, बल्कि भिक्षावृत्ति में शामिल लोगों को शासन की योजनाओं का भी लाभ मिल पाता.
MP के इन शहरों को भिखारी मुक्त 30 लिस्टों में किया गया था शामिलबता दें कि केंद्र सरकार ने भिखारी मुक्त भारत का लक्ष्य पूरा करने के लिए जनवरी 2024 में भिक्षावृत्ति में जुटे वयस्कों, महिलाओं, बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण 30 शहरों की सूची तैयार की थी. इनमें मध्य प्रदेश के 5 शहर शामिल हैं. इनमें दो धार्मिक शहर उज्जैन और ओंकारेश्वर हैं, जबकि पर्यटन स्थलों में सांची-खजुराहो और ऐतिहासिक शहरों में इंदौर को शामिल किया गया था.
ये भी पढ़े: छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंक में 4 करोड़ से ज्यादा का गबन, 9 कर्मचारी सस्पेंड, जानिए क्या है पूरा मामला