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This Article is From Sep 28, 2023

MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज, क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया उतरेंगे मैदान में?

BJP की दूसरी सूची में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम शामिल किया है. बीजेपी ने उन्हें दिमनी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को मैदान में उतारे जाने का कयास लगाए जा रहे हैं.

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MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज, क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया उतरेंगे मैदान में?
कई बड़े नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी में है बीजेपी.
ग्वालियर:

Madhya Pradesh News : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) हाईकमान द्वारा विधानसभा प्रत्याशियों की जो दूसरी सूची जारी की गई है, उसने सभी को चौंकाया है. पार्टी के दिग्गज नेता, केंद्रीय कृषि मंत्री और विधानसभा चुनाव की प्रबंध समिति के मुखिया नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को दिमनी विधानसभा (Dimani Vidhan Sabha) से चुनावी मैदान में उतारा गया है. हालांकि पार्टी की रणनीति को देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस बार BJP चुनाव जीतने के लिए कोई रिस्क न लेते हुए बड़े नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी में है.

इधर, 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में 8 दिग्गज नेताओं के नाम शामिल करने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (V. D. Sharma) और ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Shejwalka) को मैदान में उतारे जाने की अटकलें लगाई जा रही है. हालांकि इन दिग्गज नेताओं को किस सीट से मैदान में उतारा जा सकता है? इस पर भी कयास लगाए जा रहे हैं.

BJP ने तोमर को कांग्रेस के किले में क्यों भेज दिया?

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) मध्यप्रदेश (MP) की सियासत में सबसे बड़े और कद्दावर नेता माने जाते हैं. वो पार्टी से दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) का संकटमोचक भी माना जाता है. पार्षद से अपनी सियासी पारी शुरू करने वाले तोमर दो दशक पहले ग्वालियर सीट से MLA चुने गए और फिर प्रदेश में मंत्री और राज्यसभा सदस्य बने.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहली कैबिनेट में उनके साथ ही शपथ लेने वाले मंत्री में नरेंद्र सिंह तोमर का भी नाम शामिल था. पार्टी ने उन्हें यूपी, असम, गोवा सहित अन्य राज्यों में चुनाव प्रभारी और पर्यवेक्षक बनाया. 2023 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने एक बार फिर तोमर को एमपी में प्रबन्धन समिति का मुखिया बनाकर भेजा. यानी सियासत में उनका ग्राफ बहुत ऊपर था.

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इधर, तोमर अपने बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर रामू के लिए विधानसभा टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनको खुद ही मुरैना जिले की दिमनी सीट से प्रत्याशी बनाकर चौंका दिया. इस फैसले के बाद तोमर कुछ घंटे के लिए ग्वालियर आये, लेकिन उन्होंने किसी सियासी या प्रशासनिक आयोजन में हिस्सा नहीं लिया. हालांकि इस दौरान तोमर ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा, 'पार्टी का निर्णय है वे चुनाव लड़ेंगे.' इसके बाद तोमर भोपाल लौट गए. 

क्या सिंधिया भी मैदान में उतरा जाएगा?

नरेंद्र तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और राकेश सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारे जाने के बाद आम लोगों ही नहीं बल्कि बीजेपी पार्टी में भी अटकलों का दौर जारी है. दरअसल, भोपाल में बीजेपी के नेताओं ने एक बयान में कहा कि पार्टी उम्मीदवारों की तीसरी सूची के नाम और भी चौंकाने वाले होंगे. हालांकि पार्टी नेता के इस बयान के बाद प्रदेश में चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया. लोग कयास लगा रहे हैं कि अब कौन से दिग्गज नेता को मैदान में उतारा जाएंगा?

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हालांकि राजनीति गलियारों से ग्वालियर चम्बल अंचल के लिए सबसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आ रहा है. लोग कयास लगा रहे हैं कि पार्टी की तीसरी लिस्ट में सिंधिया का नाम शामिल किया जा सकता है. दरअसल,  दूसरी सूची आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया से विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, 'पार्टी का निर्णय तो स्वीकार्य होता ही है.' अब कहा जा रहा है कि इस समय बीजेपी प्रदेश में खासकर ग्वालियर-चम्बल अंचल में एक एक सीट के लिए संघर्ष कर रही है. पार्टी हर हाल में सत्ता में वापसी चाहती है और इसके लिहाज से सारा फोकस ग्वालियर-चम्बल की सीटों पर है.

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दरअसल, साल 2018 में यहां की 34 सीटों में से बीजेपी महज 7 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी और अपनी 15 साल पुरानी सत्ता गंवा बैठी थी. इस बार हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है और इसलिए तोमर के बाद सिंधिया को भी विधानसभा के मैदान में उतार सकती है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर दक्षिण, शिवपुरी के कोलारस या पोहरी से मैदान में उतारने की चर्चाएं चल रही हैं. इनमें से ग्वालियर पूर्व और दक्षिण में अभी कांग्रेस विधायक हैं, जबकि पोहरी और कोलारस में अभी बीजेपी का ही कब्जा है.

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शेजवलकर और संध्या राय को मैदान में उतारने की चर्चा तेज

इधर, ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Shejwalka) को भी पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ाने की चर्चा तेज है. कहा जा रहा है कि उन्हें ग्वालियर पूर्व या दक्षिण से मैदान में उतारा जा सकता है. ये दोनों ही सीटें बीजेपी का गढ़ मानी जाती है, लेकिन दोनों पर ही अभी कांग्रेस का कब्जा है. यहां पार्टी में दावेदारों की बड़ी भीड़ है, जिसके चलते भयंकर गुटबाजी भी है. पार्टी को लगता है कि ऐसे में संघ बैक ग्राउंड के शेजवलकर को टिकट देने से गुटबाजी पर अंकुश लग सकेगा. 

इसी तरह भिण्ड अजा आरक्षित लोकसभा सीट की वर्तमान सांसद संध्या राय (Sandhya Ray) को मुरैना जिले की अंबाह सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चा तेज है. श्रीमती राय मूलतः मुरैना जिले की ही रहने वाली है और जब दिमनी आरक्षित सीट थी तब वहां से बीजेपी की एमएलए चुनी गई थी. अब एक बार फिर पार्टी उन्हें मुरैना वापिस लाकर अंबाह आरक्षित सीट से लड़ा सकती है.

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