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Mohan Cabinet Meeting: सीएम का ये है विकसित मध्य प्रदेश 2047 का विजन, राज्य की GDP 2 ट्रिलियन डॉलर ले जाने का लक्ष्य

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में "विकसित मध्य प्रदेश 2047" विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा की गई. इस दस्तावेज़ का उद्देश्य वर्ष 2047 तक मध्य प्रदेश को विकसित राज्य बनाना है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 5.03 लाख करोड़ से बढ़ाकर 250 लाख करोड़ (2 ट्रिलियन डॉलर) करने का लक्ष्य रखा गया है.

Mohan Cabinet Meeting: सीएम का ये है विकसित मध्य प्रदेश 2047 का विजन, राज्य की GDP 2 ट्रिलियन डॉलर ले जाने का लक्ष्य

Developed Madhya Pradesh 2047 Vision Document: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर इंदौर के राजवाड़ा में विशेष कैबिनेट बैठक की गई. इस दौरान मंत्रि-परिषद ने विकसित मध्य प्रदेश 2047 पर मंथन किया. लोकमाता देवी अहिल्याबाई के आदर्शो और मूल्यों के अनुरूप विकसित मध्य प्रदेश बनाने के लक्ष्यों और प्रक्रिया पर चर्चा हुई. वर्ष 2047 तक मध्य प्रदेश को विकसित राज्य बनाने से लेकर सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को 5.03 लाख करोड़ से बढ़ाकर 250 लाख करोड़ (2 ट्रिलियन डॉलर) करने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को एक लाख 60 हजार रुपये से बढ़ाकर 22 लाख रुपये करने का भी लक्ष्य रखा गया है.

अपर मुख्य सचिव संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि दृष्टि पत्र में वर्ष 2047 में एक समृद्ध मध्य प्रदेश की परिकल्पना की गई है, जो सभी के सामूहिक प्रयासों से संपन्न, सुखद और सांस्कृतिक मध्य प्रदेश की नींव पर निर्मित होगा. इस तरह वर्ष 2047 का मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरणा मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबके प्रयास के अनुसरण से निर्मित होगा.

विजन पेपर का मंत्रि-परिषद के सामने अधिकारियों ने रखा रोडमैप

मध्य प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने और प्रदेश के समग्र सामाजिक आर्थिक विकास के उद्देश्य से हितधारक परामर्श एवं जन सहयोग से विकसित मध्य प्रदेश 2047 दृष्टि पत्र को तैयार किया गया है. दृष्टि पत्र (Vision Paper) को धरातल पर वास्तविक रूप से साकार करने के लिए रोडमैप का मंत्रि-परिषद के सदस्यों के समक्ष संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन दिया.

मंत्रि-परिषद के सदस्यों को बताया गया कि मध्य प्रदेश 2047 दृष्टिपत्र के क्रियान्वयन के लिए उच्च स्तरीय क्रियान्वयन समिति का गठन किया जाएगा. राज्य के सभी विभागों की योजनाओं, लक्ष्यों एवं कार्य बिंदुओं की डिजिटल ट्रैकिंग की जाएगी. साथ ही लाइव डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा.

100 फीसद साक्षरता, नवकरणीय ऊर्जा को 75 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य

मध्य प्रदेश 2047 दृष्टिपत्र अनुसार, वर्तमान में राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. सकल घरेलू उत्पाद में कृषि 43%, सेवाएं 36 और उद्योग 21% योगदान देते हैं. वर्ष 2047 तक जीडीपी में कृषि का योगदान 24-28%, उद्योग का 21-25% और सेवाओं का 49-53 % तक लाने का प्रयास किया जाएगा. साक्षरता दर को 75.2% से बढ़ाकर 2047 तक 100 प्रतिशत करने का प्रयास किया जाएगा. ऊर्जा के क्षेत्र में कुल ऊर्जा स्त्रोत में नवकरणीय ऊर्जा का प्रतिशत 22.5 से बढ़ाकर 75% से अधिक किया जाएगा.

"विकसित मध्य प्रदेश 2047 विजन डॉक्यूमेंट" तैयार करने में अप्रैल 2024 में नीति आयोग, भारत सरकार से प्रारंभिक चर्चा की गई. मई से सितंबर 2024 के बीच अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव/ सचिव स्तर के 8 थीमेटिक समूहों में व्यापक परिचर्चा के बाद विकसित भारत 2047 के लिए मध्य प्रदेश के सुझाव और अभिमत नीति आयोग को प्रेषित किए गए.

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार समिति गठित की गई, जिसके मार्गदर्शन में 8 थीमैटिक ग्रुप्स का गठन किया गया. 8 थीमैटिक गुप्स में उद्योग, कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र तथा वनोत्पाद, सेवाएं, अधोसंरचना एवं नगरीय विकास, शिक्षा, स्वास्थय, सुशासन एवं नागरिक सेवाएं प्रदाय और वित्तीय नियोजन एवं संवर्धन को शामिल किया गया.

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