
Mock Drill in India: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terrorist Attack) में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों को 7 मई को व्यापक नागरिक सुरक्षा (सिविल डिफेंस) मॉक ड्रिल (Nationwide Civil Defence Mock drill) आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत, हमले में मारे गए 26 नागरिकों के जवाब में कड़ा रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है.
#WATCH | Security heightened at Connaught Place in Delhi
— ANI (@ANI) May 6, 2025
The Ministry of Home Affairs (MHA) has ordered nationwide mock drills, tomorrow, May 7. pic.twitter.com/OfVOeNksuk
क्यों उठाया गया ये कदम?

Drill in India: वार सायरन को सचेतक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. हालांकि, देशवासी सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को करारा जवाब दिया जाए. यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व से भी इस मुद्दे पर विचार-विमर्श हो चुका है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी है.
#WATCH | Civil Defence, Police and local administration rehearse mock drill exercise in Lucknow's Police Lines, following MHA's order for nationwide mock drills on May 7
— ANI (@ANI) May 6, 2025
A Police officer says, "Nationwide mock drills will be held tomorrow. Civil Defence, Police and local… pic.twitter.com/hT7sBMai0e
MHA has asked several states to conduct mock drills for effective civil defence on 7th May. The measures to be taken during the drill include operationalisation of Air Raid Warning Sirens, Training of civilians, students, etc, on the civil defence aspects to protect themselves in… pic.twitter.com/TDNd4KzPwB
— ANI (@ANI) May 5, 2025
क्या है सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल?

Mock Drill in India : इन-इन जगहों पर लगाया जाता है सायरन.
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल तैयारियों को परखने की एक्सरसाइज है. इसका उद्देश्य यह परीक्षण करना है कि युद्ध, मिसाइल हमलों या हवाई हमलों जैसी आपात स्थितियों के दौरान नागरिक और सरकारी प्रणालियां कैसे प्रतिक्रियाएं करती हैं. इस अभ्यास के दौरान हवाई हमले के सायरन बजते हैं, शहरों में ब्लैक आउट होता है और आपातकालीन दल वास्तविक समय में काम करते हैं. इन अभ्यासों का उद्देश्य लोगों की घबराहट को कम करना, भ्रम से बचना और जागरूकता और तत्परता बढ़ाकर जिंदगियों को बचाना है. आमतौर पर शीत युद्ध के दौरान नागरिक सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल किया जाता था. उस समय, देश ब्लैकआउट और निकासी एक्सरसाइज चलाकर संभावित हवाई हमलों और परमाणु हमलों के लिए तैयार रहते थे. वहीं अब नए सिरे से तनाव और सुरक्षा जोखिमों के साथ, भारत में इन उपायों को फिर से अपनाया जा रहा है.
मॉक ड्रिल में क्या कुछ होगा?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, मॉक ड्रिल के तहत महत्वपूर्ण गतिविधियां की जाएंगी. इस दौरान एयर रेड वार्निंग सायरन का संचालन होगा. यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है. नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी. इसके तहत दुश्मन की हवाई निगरानी या हमले से शहरों और ढांचों को छिपाने के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा.

Drill in India : जानें कब-कब बजा है वार सायरन.
मॉक ड्रिल के दौरान, आपको अस्थायी ब्लैकआउट, मोबाइल सिग्नल का निलंबन या ट्रैफ़िक डायवर्जन का अनुभव हो सकता है. वहीं कुछ क्षेत्रों में, पुलिस और अर्धसैनिक बल युद्ध जैसी आपात स्थिति का अभ्यास कर सकते हैं. गृह मंत्रालय के इस निर्णय और हालिया उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठकों ने यह संकेत दिया है कि भारत पहलगाम हमले के जवाब में एक सख्त सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर सकता है.
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