विज्ञापन

Morena : चंबल के बीहड़ों में शिव जी का चमत्कारी मंदिर, दिन में 3 बार बदलता है शिवलिंग का रंग

Maha Shivratri : पुराने समय में चंबल के बीहड़ में डकैतों के कारण लोग इस मंदिर में आने से डरते थे. लेकिन अब जब डकैतों का सफाया हो चुका है... तो दूर-दूर से लोग यहाँ पूजा-अर्चना के लिए आते हैं.

Morena : चंबल के बीहड़ों में शिव जी का चमत्कारी मंदिर, दिन में 3 बार बदलता है शिवलिंग का रंग
Morena : चंबल के बीहड़ों में शिव जी का चमत्कारी मंदिर, दिन में 3 बार बदलता है शिवलिंग का रंग

Shiv Mandir in MP : राजस्थान के धौलपुर जिले में, चंबल नदी के बीहड़ों के बीच स्थित है अचलेश्वर महादेव मंदिर. ये मंदिर मुरैना (मध्य प्रदेश) और आगरा (उत्तर प्रदेश) के बीच आता है. ये जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर, नेशनल हाईवे 44 से लगभग 250 मीटर अंदर चंबल नदी के बीहड़ों में बना हुआ है. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है. मंदिर के पुजारी मनोज दास बाबा के अनुसार, शिवलिंग सुबह लाल रंग का हो जाता है, दोपहर में केसरिया और रात के समय सांवला दिखाई देता है. यह एक चमत्कारी घटना है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. इस शिवलिंग के बनने की सही तारीख का कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन कुछ भक्त इसे करीब 1,000 साल पुराना मानते हैं.

मनोकामना पूर्ण करने वाला मंदिर

इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने पर हर इच्छा पूरी होती है. खासकर जो लोग विवाह में आ रही रुकावटों से परेशान हैं... वे यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं. कहा जाता है कि भगवान शिव उनके सारे कष्ट दूर कर देते हैं और उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिल जाता है.

20 फीट खुदाई के बाद भी नहीं मिला शिवलिंग का अंत

साल 2000 में मंदिर के शिवलिंग की गहराई जानने के लिए खुदाई करवाई गई थी. खुदाई के दौरान यह पाया गया कि जैसे-जैसे गहराई बढ़ती गई, शिवलिंग का आकार भी बड़ा होता चला गया. 20 फीट तक खुदाई करने के बाद भी इसका अंत नहीं मिला. इसके बाद खुदाई को रोक दिया गया.

भक्तों की आस्था का केंद्र

हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. दर्शनार्थी दीपक शर्मा ने बताया कि वे पिछले तीन साल से लगातार यहां आ रहे हैं. उन्होंने कहा, इस मंदिर में जो भी आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. मैं खुद इस चमत्कार का गवाह हूं. यहां भगवान शिव खुद प्रकट हुए हैं और हजारों वर्षों से विराजमान हैं.

ये भी पढ़ें : 

• कब है महाशिवरात्रि? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व, ऐसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

• Holi 2025: 14 या 15 मार्च... कब है होली? इस दिन जलेगी होलिका, जानिए शुभ मुहूर्त

डकैतों के डर से सुनसान रहता था इलाका

पुराने समय में चंबल के बीहड़ में डकैतों के कारण लोग इस मंदिर में आने से डरते थे. लेकिन अब जब डकैतों का सफाया हो चुका है... तो दूर-दूर से लोग यहाँ पूजा-अर्चना के लिए आते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से जीवन की सभी परेशानियाँ दूर हो जाती हैं. कहा जाता है कि यहाँ कुंवारे लड़के और लड़कियाँ अपने मनचाहे जीवनसाथी की प्रार्थना करते हैं और शिवजी उनकी इच्छाएँ पूरी करते हैं.

• आज है महाशिवरात्रि, कब करें भगवान शिव को जलाभिषेक? ऐसे होंगे भोलेनाथ प्रसन्न

 पितृदोष से परेशान हो? तो इस पितृ पक्ष करें ये उपाय, घर में आएगी सुख-समृद्धि

Disclaimer: (यहां दी गई जानकारी लोक मान्यताओं पर आधारित है. इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता के लिए NDTV किसी भी तरह की ज़िम्मेदारी या दावा नहीं करता है. )

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close