
Meghalaya Police: इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है. एसआईटी के मुताबिक , सोनम और राज ने अपने रिश्ते को स्वीकार कर लिया है. एसआईटी ने बताया कि सोनम और राज दोनों की अलग-अलग कंपनियां हैं, उनके पास व्यवसायिक महत्वाकांक्षाएं थीं. उन्होंने बताया कि प्रेम संबंध और व्यवसायिक महत्वाकांक्षाएं राजा की हत्या का मुख्य कारण मालूम पड़ता है.
राज और सोनम ने रिश्ते में होने की बात स्वीकार की
पूर्वी खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक सिम एसपी ने संकेत दिया कि राजा की हत्या सोनम और राज के बीच रिश्ते और व्यावसायिक आकांक्षाओं से जुड़ी लगती है. ये दोनों कुछ और चाहते थे और परिवार वालों को राजा का रिश्ता सामाजिक बंधन और जातिवाद के कारण पसंद था. इसी की आड़ में माता-पिता और बाकी सब के बीच राजा से शादी करने के लिए सहमति बनी थी. इसलिए सोनम और राज ने अपने तरीके से राजा से छुटकारा पाने की प्लानिंग तैयार कर ली.
नार्को टेस्ट की जरूरत नहीं
सिम ने कहा कि मामले को पूरी सावधानी से सुलझाया जा रहा है, जिसमें केवल इकबालिया बयानों पर निर्भर रहने के बजाय मजबूत और कोर्ट स्वीकार्य योग्य सबूत इकठ्ठा करने दिया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द कानूनी रूप से टिकाऊ आरोप-पत्र तैयार किया जा सके. सिम ने कहा कि आरोपी राज कुशवाहा और सोनम रघुवंशी ने पहले ही अपराध कबूल कर लिया है, लिहाजा, नार्को टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि नार्को टेस्ट आमतौर पर तब किया जाता है, जब कोई सबूत नहीं होता है. गौरतलब है कि नार्को टेस्ट सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी प्रतिबंधित है. उन्होंने कहा कि आरोपियों ने पहले ही अपराध स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा, हमने घटनास्थल का सीन रीक्रिएट किया था, जहां उन्होंने हमें वो सारी चीजें दिखाई, जो वारदात से जुड़ी हुई थी. हमें सबूत भी मिल गए हैं. ऐसे में हमें नहीं लगता कि हमें इस स्तर पर नार्को विश्लेषण परीक्षण क्यों करना चाहिए.
आपको बता दें कि मृतक राजा रघुवंशी के परिजनों से मेघालय पुलिस से मुख्य आरोपी और मृतक की राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी का नार्को टेस्ट करने की मांग की थी.
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