
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में विंध्य प्रदेश क्षेत्र के रीवा जिले में मऊगंज विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 201487 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी प्रदीप पटेल को 47753 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार सुखेंद्र सिंह "बन्ना" को 36661 वोट हासिल हो सके थे, और वह 11092 वोटों से हार गए थे.
इसी तरह वर्ष 2013 में मऊगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी सुखेंद्र सिंह (बन्ना) को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 38898 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार लक्ष्मण तिवारी को 28132 वोट मिल सके थे, और वह 10766 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.
इससे पहले, मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेएसएच पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण तिवारी ने कुल 24149 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीजेपी उम्मीदवार अखंड प्रताप सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 19270 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 4879 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह 18 साल की अपनी सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, और BJP ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए है. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाएं पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है, यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.