
नवनिर्मित मऊगंज जिले के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव इन दिनों लगातार सुर्खियों में हैं. पहले उन्होनें 12वीं की एक छात्रा के कॉन्फिडेंस को देखते हुए पढ़ाई के लिए मोबाइल फोन दिलाया औऱ अब जा पहुंचे हैं संतोष साकेत के पास. संतोष साकेत खटकरी गांव के निवासी हैं और पेशे से टेलर हैं. 3 महीने पहले हुए एक दुर्घटना की वजह से वह संजय गांधी अस्पताल, रीवा में भर्ती थे. अस्पताल के डॉक्टरों ने 3 महीने के इलाज के बाद कहा था कि संतोष का पैर काटना होगा.
इसी बीच नवनिर्मित मऊगंज जिले के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया के तहत अपनी हेल्पलाइन नंबर जारी की थी. जिसकी मदद से उन्हें संतोष साकेत की समस्या की जानकारी मिली. जिसके बाद कलेक्टर अजय श्रीवास्तव संतोष साकेत से मिलने उसके गांव खटखरी जा पहुंचे, संतोष साकेत के परिवार को यह भरोसा नहीं था कि जिले का मुखिया उनके दरवाजे तक आ पहुंचेगा. कलेक्टर को देखकर पूरा परिवार और आसपास के लोग काफी प्रसन्न हुए.
कलेक्टर अजय श्रीवास्तव कहते हैं 'मुझे जब यह जानकारी मिली की संतोष साकेत बहुत हीं गरीब है, उनके पास इलाज कराने के लिए पैसे नहीं है और डॉक्टरों ने उनके पैर को काटने की सलाह दी है तो ऐसे में उनका दिल दहल गया'. उन्होनें संतोष कुमार साकेत की सारी रिपोर्ट भोपाल के अपने परिचित डॉक्टर को भेजी और भोपाल के डॉक्टर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि संतोष के पैर नहीं काटने पड़ेंगे और कम से कम इलाज में मरीज को ठीक किया जा सकता है.
तत्काल ही उन्होंने तमाम इंतजाम करके संतोष को एंबुलेंस से भोपाल की ओर रवाना किया. आज भोपाल के नर्मदा अस्पताल में संतोष का इलाज चल रहा है, डॉक्टरों ने कहा है कि संतोष पूरी तरीके से ठीक हो जाऐंगे.
कलेक्टर अजय श्रीवास्तव का कहना है कि संतोष के पास आयुष्मान कार्ड भी है. जरुरत पड़ी तो मुख्यमंत्री सहयोग राशि एवं अन्य संसाधनों से उसका पूरा इलाज कराया जाएगा. किसी भी तरह का खर्च संतोष साकेत को नहीं उठाना पड़ेगा. स्वस्थ होकर वह लौटे इसकी उन्होंने ईश्वर से कामना की है साथ हीं संतोष साकेत के परिवार को रोजगार देने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया है.
यह भी पढ़ें - आज सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों पर काबू पाना सबसे बड़ी चुनौती : सतना SP आशुतोष गुप्ता