Mandsaur Malhargarh Police Station: मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने तलाशी और जब्ती की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग को लेकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के प्रावधानों का राज्य पुलिस द्वारा पालन नहीं किए जाने पर नाराजगी जताते हुए गृह विभाग के प्रमुख सचिव को तलब किया है. अदालत ने यह भी कहा कि लगता है कि राज्य के अधिकारियों ने इन प्रावधानों को आसानी से भुला दिया है. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने यह टिप्पणी सूबे के मंदसौर जिले के मल्हारगढ़ थाना क्षेत्र में 18 वर्षीय युवक को 2.71 किलोग्राम अफीम की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के मामले में की.
पुलिस पर लगे ये आरोप
युवक ने उच्च न्यायालय की शरण लेते हुए दावा किया है कि उसे इस मामले में फंसाया गया है. अदालत द्वारा मामले का संज्ञान लिए जाने के बाद एक थाना प्रभारी समेत छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इन पुलिस कर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने मामले की जांच के दौरान तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया.
उच्च न्यायालय ने मामले में नौ दिसंबर को हुई सुनवाई के आधार पर पारित आदेश में कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में गृह विभाग के प्रमुख सचिव/ प्रतिवादी राज्य को उपरोक्त प्रावधानों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में इस अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया जाता है.''
अगली सुनवाई कब?
अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी 2026 की तारीख तय की है. उच्च न्यायालय ने गृह विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देशित किया है कि वह इस तारीख को अदालत के सामने हाजिर हों.
उच्च न्यायालय ने अफीम तस्करी के आरोप में स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत गिरफ्तार युवक को पांच दिसंबर को अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया था.
युवक का दावा
राजस्थान के निवासी युवक की ओर से अदालत में अपने बचाव में दावा किया गया है कि उसे पुलिस कर्मियों ने एक अंतरराज्यीय यात्री बस में 29 अगस्त की सुबह 11:15 बजे के आस-पास ‘अवैध तौर पर' पकड़ा, जबकि दस्तावेजों में उसकी इस तारीख को शाम 05:15 बजे गिरफ्तारी दिखाई गई.
ठाकुर ने बताया कि उच्च न्यायालय में उनके मुवक्किल की ओर से यात्री बस के भीतर लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी पेश किया गया है जिसका अदालत पहले ही संज्ञान ले चुकी है. इस फुटेज में सादे कपड़े पहने तीन लोग युवक को बस से बाहर ले जाते दिखाई दे रहे हैं. राजस्थान से सटा मंदसौर जिला अफीम की खेती के लिए मशहूर है. जिले में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन, भण्डारण, कारोबार और तस्करी के मामले लगातार सामने आते हैं.
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