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This Article is From Jan 07, 2024

Ujjain: बैंड बाजे के साथ निकाली नंदी की अंतिम यात्रा, दशा कर्म और ब्राह्मण भोज भी होगा, जानि- क्यों मिला इतना सम्मान

MP Latest News: मध्य प्रदेश के उज्जैन के गांव सुल्या खेड़ी में एक सांड की मौत पर अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां लोगों ने सांड की मौत पर न सिर्फ बैंड-बाजे के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली, बल्कि दशा कर्म करके ब्राह्मण भोज करने का भी फैसला किया है.

Ujjain: बैंड बाजे के साथ निकाली नंदी की अंतिम यात्रा, दशा कर्म और ब्राह्मण भोज भी होगा, जानि- क्यों मिला इतना सम्मान

Madhya Pradesh Latest News: मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) स्थित सुल्या खेड़ी गांव में शनिवार को एक नंदी (सांड) की मौत से मातम छा गया. इस घटना से शोकाकुल ग्रामीणों ने न सिर्फ़ बैंड बाजे से नंदी की अंतिम यात्रा निकालकर समाधि दी, बल्की अब वे सनातन धर्म (Sanatan Dharm) के अनुसार दशा कर्म (Dasha Karma) करके ब्राह्मण भोज (Brahmin Bhoj) भी करेंगे.

27 साल से गांव में रह रहा था नंदी

दरअसल, घटिया तहसील के गांव सुल्या खेड़ी में नंदी (सांड) की शनिवार की मौत हो गई. 27 साल से गांव में रह रहे नंदी की मौत से पूरा गांव दुखी हो गया. इसके बाद गांव के लोगों ने ट्रैक्टर ट्रॉली में नंदी की शव यात्रा सजाई और बैंड बाजे के साथ भगवान के नाम का भजन बजाते हुए उसकी अंतिम यात्रा निकाली. इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मंगल गीत गाती हुई इस यात्रा में शामिल हुई. अंत में शमशान के नजदीक बड़ा गड्ढा बनाकर विधि विधान से नंदी को दफनाया दिया गया.

27 साल से गांव में रह रहे नंदी की मौत से पूरा गांव दुखी हो गया. इसके बाद गांव के लोगों ने ट्रैक्टर ट्रॉली में नंदी की शव यात्रा सजाई और बैंड बाजे के साथ भगवान के नाम का भजन बजाते हुए उसकी अंतिम यात्रा निकाली.

बच्चे की तरह पाला था ग्रामीणों ने

गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षक रतनलाल रावल ने बताया कि करीब 27 साल पहले बछड़ा गांव में आ गया था. इसका कोई मालिक नहीं था. लिहाजा, उस पर निशान लगा कर नंदी बना दिया गया. नंदी बच्चों के साथ खेलता था. वहीं, बड़ों के आदेश का पालन भी करता था. उसने आज तक किसी को सींग नही मारी. लिहाजा, इसकी मौत पर ग्रामीणों ने तय किया है कि 12 दिन बाद मृत आत्मा की शांति के लिए दशा कर्म कर ब्राह्मण भोज दिया जाएगा.

नंदी की मौत पर ग्रामीणों ने तय किया है कि 12 दिन बाद मृत आत्मा की शांति के लिए दशा कर्म कर ब्राह्मण भोज दिया जाएगा.

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पशु प्रेम का अनोखा उदाहरण

हाल ही में कई स्थानों पर पशु क्रूरता के मामले सामने आए हैं. ऐसे में इस गांव में नंदी की मौत पर जिस तरह से मातम मनाया गया. वह गांव वालों के पशु प्रेम और सनातन धर्म की गहराइयों को व्यक्त करता है.  

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