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This Article is From Mar 06, 2024

MP Nursing Scam: लाखों की फीस चुकाने के बाद भी करियर हुआ चौपट, तो सड़क पर आ गई लड़कियां

Madhya Pradesh Nursing College: प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने अपना दुख बयान करते हुए कहा कि हमें लगता था हमारी शीर्ष अथॉरिटी हमारी सुनवाई करेगी, लेकिन हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हाईकोर्ट ने हमारे इस कॉलेज की मान्यता पूरी तरीके से रद्द कर दी है. अब हम कहां और किसके पास जाएं.

MP Nursing Scam: लाखों की फीस चुकाने के बाद भी करियर हुआ चौपट, तो सड़क पर आ गई लड़कियां

Rewa Nursing College Scam: मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले के मामले में सीबीआई जांच के बाद रीवा के मेडिकल कॉलेज से संबंध नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता खत्म होने पर यहां पढ़ने वाली लड़कियां सड़क पर उतर आई हैं. अपने करियर चौपट होने से चिंत छात्राएं मंगलवार को उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के घर पहुंच गई. हालांकि, इन छात्रों से उपमुख्यमंत्री की मुलाकात नहीं हो पाई. 

दरअसल, शुक्ला प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं. लिहाजा, नर्सिंग कॉलेज की छात्राएं अपना दुख सुनाने और अपनी समस्या का हल निकलवाने के लिए उनसे मिलने पहुंची थी. हालांकि, इन छात्राओं से उनसे मुलाकात नहीं हो पाई. छात्राओं का कहना कि डिप्टी सीएम ने हमसे मिलने का वादा किया था, लेकिन वह हमसे नहीं मिले, जिसके चलते हम लोगों ने उनके घर के बाहर जाकर धरना दिया और नारेबाजी की, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने हमको वहां से हटा दिया.

सुनवाई नहीं होने से निराश हैं छात्राएं

प्रदर्शन कर रही छात्राओं ने अपना दुख बयान करते हुए कहा कि हमें लगता था हमारी शीर्ष अथॉरिटी हमारी सुनवाई करेगी, लेकिन हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हाईकोर्ट ने हमारे इस कॉलेज की मान्यता पूरी तरीके से रद्द कर दी है. अब हम कहां और किसके पास जाएं. इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे रहा है. छात्राओं का कहना है कि
हाई कोर्ट ने जिस तरीके से प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों खासतौर से रीवा के मेडिकल कॉलेज से संबंध नर्सिंग कॉलेज की मान्यता पूरी तरीके से रद्द कर दी है, उसके चलते लड़कियां इस समय काफी आक्रोशित हैं.

ये है छात्राओं की परेशानी

नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं का साफ तौर से कहना है कि अब हम कहां जाएं. कोर्ट के एक फैसले के बाद पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे सेमेस्टर की लड़कियां एक दम से दोराहे पर आ खड़ी हुई है. उनका कहना है कि हम प्रशासन के पास भी जा चुके है, लेकिन रीवा के कमिश्नर साफ तौर से कह दिया है मामला कोर्ट में है, इसलिए मैं मदद नहीं कर सकता.

 स्वास्थ्य मंत्री के नहीं मिलने से फूटा छात्राओं का गुस्सा

प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं का कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने हमें 12:00 बजे मिलने के लिए कहा था, लेकिन अब वह भी हमसे नहीं मिले. मंत्री के वादाखिलाफी पर लड़कियां काफी आक्रोशित और परेशान दिखाई दी. इनका कहना है हमारा भविष्य पूरी तरीके से चौपट हो जाएगा. हमसे कोई बात करने के लिए भी तैयार नहीं है. छात्राओं ने आगे कहा कि जब मंत्री हमारी बात नहीं सुन रहे हैं, तो हमारी कौन सुनेगा? हमारा क्या होगा, हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा है?

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