![MP News: एक ही दिन बहन की डोली उठी और भाई की अर्थी, पूरा गांव हुआ गमगीन... MP News: एक ही दिन बहन की डोली उठी और भाई की अर्थी, पूरा गांव हुआ गमगीन...](https://c.ndtvimg.com/2024-03/9439sq5o_surguja_625x300_31_March_24.jpg?downsize=773:435)
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शिवपुरी (Shivpuri) से एक ऐसी घटना सामने आई है जो पत्थर दिल आदमी को रोने पर भी मजबूर कर देगी. जिस किसी ने भी इस खबर को सुना- देखा उनकी आंखे अपने आप ही नम हो गईं. घर में जश्न मनाया जा रहा था लेकिन किसी को नहीं पता था कि इस घर से अर्थी और डोली एक साथ उठने वाली है. जी हां यह गमगीन कर देने वाली घटना शिवपुरी जिले के सिरसौद में घटी है.
हार्ट अटैक आने से भाई की हुई मौत
बहन की शादी थी लेकिन तैयारियों के बीच भाई की हार्ट अटैक आया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. सितम तो देखिए उसी दिन बहन की डोली उठनी थी. इस घटना को जिसने भी देखा वह अपने आंखों से आंसू नहीं रोक पाया सारे के सारे गांव में मातम पसर गया.
खुशियों का माहौल मातम में गया बदल
बताया जा रहा है कि शिवपुरी जिले के सिरसौद थाना अंतर्गत आने वाले चौकी गांव में हल्के जाटव की बेटी की शादी होनी थी. घर में जश्न का माहौल था, खुशी से शहनाइयां बज रही थीं. नाच - गाना चल रहा था भाई लाल जाटव भी नाच गाते हुए बहन की शादी की तैयारी कर रहा था. शादी की तैयारी के बीच घर में बहन की शादी से पहले नाच - गाने का उत्सव मनाया जा रहा था लेकिन अचानक भाई लाल जाटव को सीने में दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद परिवार वाले उसे लेकर अस्पताल पहुंचे. अस्पताल से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया जहां बहन की डोली उठने से पहले इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. और देखते ही देखते घर की खुशियों का माहौल मातम में बदल गया.
बाप ने अपने घर से बेटे को कंधा दिया
घर सब खुशी से नाच गा रहे थे कोई नहीं जानता था की खुशियां चंद घंटे में ही गम में बदल जाएगी लेकिन होनी को कौन टाल सकता है. बेटी की विदाई से पहले घर में बेटे की लाश का आना एक बाप के लिए किसी बड़े सदमे से कम नहीं होता. रिश्तेदारों ने समस्या का समाधान निकालते हुए बेटी की विदाई पास में मौजूद रिश्तेदार के घर से की और बेटी की विदाई के बाद बाप ने अपने घर से बेटे को कंधा दिया.
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पूरे गांव का माहौल हुआ गमगीन
यह दृश्य अपने - आप में कितना भयावह होगा की एक तरफ बेटी की विदाई होनी थी तो दूसरी तरफ बाप के कंधे पर अपने बेटे की अर्थी का बोझ था. जिसने भी यह दृश्य अपनी आंखों से देखा वह आंखों से आंसू नहीं रोक पाया. पूरे का पूरा गांव इस परिवार पर टूटे कुदरत के कहर को देखकर गमगीन हो गया.
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