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This Article is From Oct 18, 2023

Burhanpur News : जिले के अन्नदाताओं पर खाने का संकट! दो साल से मंडी में कृषक भोजनालय पड़ा है बंद 

अगर यह भोजनालय शुरू होता है तो रोजाना करीब 100 से 150 किसानों व उनके सहयोगियों को नाममात्र के शुल्क पर भरपेट मिल सकता है. अगर भोजनालय शुरू नहीं हुआ तो अन्नदाता को मंडी से काफी दूर भोजन के लिए जाना पडेगा. किसानों को भोजन के लिए अपनी जेब ढीली करना पडेगी. इस योजना के तहत किसान चेक पोस्ट पर 5 रूपए प्रति कूपन के हिसाब से दो कूपन ले सकते है.

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Burhanpur News : जिले के अन्नदाताओं पर खाने का संकट! दो साल से मंडी में कृषक भोजनालय पड़ा है बंद 
दो साल से मंडी में कृषक भोजनालय पड़ा है बंद

Burhanpur News: कृषि उपज मंडी में सोयाबीन, मक्का, दलहन, तिलहन की आवक शुरू हो गई है. जिलेभर से रोजाना मंडी में बडी संख्या में किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडी पहुंचते है लेकिन इस बार भी मंडी के किसानों को पेट भर भोजन सस्ते में नहीं मिलेगा. किसानों को भोजनालय में भोजन के लिए अपनी जेब ढीली करनी पडेगी. आपको बता दें कि किसानों की सुविधा के लिए मंडी परिसर में किसान भोजनालय की योजना चालू की गई थी. लेकिन उपज मंडी में पिछले दो सालों से किसान भोजनालय बंद पडा है. वहीं, मंडी प्रशासन ने किसानों के सस्ता भोजन मुहैया करने के लिए कोई दूसरी व्यवस्था भी नहीं की है. 

किसानों के लिए कई सारी योजनाएं की गई शुरू 

सरकार ने प्रदेश में अन्नदाता किसान के लिए कई योजनाएं शुरू कर रखी है लेकिन जमीनी हकीकत तमाम दावों की पोल खोल रहा है. जब किसान अपनी उपज को बेचने के लिए मंडी में पहुंचते हैं, तो मंडी प्रशासन की तरफ से किसानों को कई सुविधाएं देने का नियम है. इन नियमों के तहत सरकार ने मंडी प्रशासन में अमला तैनात कर रखा है. लेकिन देखा जा रहा है किसानों को दी जाने वाली सुविधा उन तक मुहैया नहीं की जा रही है. इनमें एक कृषक भोजनालय का बंद होना भी शामिल है. 

दो साल से मंडी का किसान भोजनालय बंद

दरअसल, प्रदेश सरकार ने किसानों को कम शुल्क पर भरपेट भोजन देने के लिए मंडी परिसर में किसान भोजनालय को चालू किया था. साथ ही कृषि उपज मंडी में आने वाले किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिल सके  व उनकी उपज को अच्छे से सहेज कर रखा जाए इसके लिए मंडी में परिसर में भोजनालय खोला गया था. लेकिन करीब दो साल से मंडी परिसर में किसान भोजनालय बंद पडा हैं. वहीं, प्रशासन की तरफ से किसानों के लिए किसी तरह की अन्य सहायता भी मुहैया नहीं कराई गई है. अगर यह भोजनालय शुरू हो जाता है तो बुरहानपुर जिले के किसानों को इसका लाभ मिल सकता है.

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विकास के दावों की पोल खोलती योजनाएं

अगर यह भोजनालय शुरू होता है तो रोजाना करीब 100 से 150 किसानों व उनके सहयोगियों को नाममात्र के शुल्क पर भरपेट मिल सकता है. अगर भोजनालय शुरू नहीं हुआ तो अन्नदाता को मंडी से काफी दूर भोजन के लिए जाना पडेगा. किसानों को भोजन के लिए अपनी जेब ढीली करना पडेगी. इस योजना के तहत किसान चेक पोस्ट पर 5 रूपए प्रति कूपन के हिसाब से दो कूपन ले सकते है. इस कूपन के आधार पर किसान यहां बने कृषक भोजनालय में भरपेट भोजन कर सकता है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इस सीजन में मंडी प्रशासन किसान भोजनालय शुरू करेगा या फिर किसानों के लिए इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करेंगा.

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