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MP News: स्कूल में उच्च शिक्षा मंत्री ने साथियों संग कान पकड़ कर की उठक बैठक, वीडियो में देखें नजारा

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के शाजापुर स्थित सीएम राइज स्कूल में अजीब नजारा देखने को मिला. दरअसल, यहां पूर्व छात्रों के सम्मेलन में पहुंचे एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने साथियों के साथ कान पकड़ कर उठक बैठक लगाने लगे. ये नजारा देख कर लोग भी हक्के-बक्के रह गए.

MP News: स्कूल में उच्च शिक्षा मंत्री ने साथियों संग कान पकड़ कर की उठक बैठक, वीडियो में देखें नजारा

Madhya Pradesh Latest News: मध्य प्रदेश के शाजापुर (Shajapur) जिले के शुजालपुर के सीएम राइज स्कूल (Cm Rise School) में मंगलवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. दरअसल, एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (Inder Singh Parmar ) यहां विजिट करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने स्कूल पहुंचते ही कुछ अफसरों, प्रोफेसरों, शिक्षकों और नेताओं के साथ उठक बैठक लगाकर स्कूली दिन को याद किया.

इस मौके पर उनके साथ अलग-अलग शहर से आए पूर्व छात्र, कई उद्योगपति, शिक्षक, सेवानिवृत कर्मचारी कान पकड़कर उठक बैठक लगाते दिखे. इसके बाद क्लास रूम में टेबल बजाकर गाने गाते नजर आए.

दूर-दूर से पहुंचे थे पूर्व छात्र

शुजालपुर के पहले हाईस्कूल की स्थापना वर्ष 1931 में राम मंदिर के पीछे हुई थी, जिसे लाल स्कूल के नाम से जाना जाता है. साल 1957 में वर्तमान सीएम राइज स्कूल में हाईस्कूल की कक्षाएं लगने लगी. यहीं पर मंगलवार को पूर्व छात्र सम्मेलन आयोजित किया गया था. आयोजन से पहले स्कूल परिसर में कई लोग 67 साल बाद आए थे, तो कई लोग 85 की उम्र में लकड़ी के सहारे इस यादगार आयोजन में साथियों से मिलने पहुंचे थे.

गजब का दिखा उत्साह

इस मौके पर क्लास रूम में शिक्षकों के जरिए दी जाने वाली सजा कान पकड़कर उठक बैठक लगाने को याद कर पूर्व छात्रों ने शिक्षकों के नाम लेकर अमर रहे के नारे लगाए. साथ ही गीत गुनगुनाने के साथ सेल्फी लेने, ग्रुप फोटो निकलवाने के प्रति काफी उत्साह देखने को मिला.

लोगों ने अपनी यादें की ताजा

प्रोफेसर एमआर नालमे ने बताया साल 1951 में उनकी हाईस्कूल क्लास में 19 लड़के थे, तब सेकंड डिविजन पास होना भी बहुत बड़ी बात होती थी. उन्होंने बताया साल 1957 में स्कूल इस भवन में लगने लगा था. 1 जनवरी 1957 को एडमिशन लेने वाले राम शर्मा ने बताया कि उनकी तीन पीढ़ियां इसी शिक्षा स्थल से ज्ञान लेकर निकले थे. वे इस स्कूल के छात्र और शिक्षक दोनों रहे.

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वहीं, मंत्री परमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति से बड़ा परिवर्तन आने वाला है. अब भारत में शिक्षक बाय चांस नहीं, बल्कि बाय चॉइस बनेंगे. मंत्री परमार ने कहा भारत ने आयुर्वेद, इंजीनियरिंग, शल्य चिकित्सा, गणित, संस्कृति, संस्कार हर क्षेत्र में विश्व को मार्गदर्शित किया है, इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा जाता है.

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