Guna Bus Accident: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना जिले में हुए हादसे में एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. इस बस का न तो परमिट था और न ही फिटनेस प्रमाण पत्र था. अफसरों ने भी इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया. ऐसे में लापरवाही पर सरकार ने अफसरों पर कार्रवाई की है. आरटीओ अफसर और सीएमएचओ को राज्य सरकार ने सस्पेंड (suspend)कर दिया है. जबकि कलेक्टर और एसपी का ट्रांसफर कर दिया गया है.
रजिस्ट्रेशन रद्द करने आवेदन दिया था
दरअसल गुना में डंपर ट्रक से टक्कर के बाद एक निजी बस में आग लगने से 13 लोगों मौत हो गई है. एक अफसर ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस के पास रूट पर चलने का परमिट नहीं था और न ही फिटनेस प्रमाणपत्र था. उनके मुताबिक, इसके मालिक ने कुछ समय पहले इसका पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन किया था. गुना के एक अस्पताल में घायलों से मिलने के बाद यादव ने मामले में लापरवाही के आरोप में गुना के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी वी डी कतरोलिया को निलंबित करने का आदेश दिया है.
दूसरी गाड़ी की जगह इसे भेजा
निलंबित होने से पहले, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रवि बरेलिया ने बताया कि बस का पंजीकरण रद्द करने के लिए मालिक की ओर से क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में दो महीने पहले आवेदन दिया गया था, लेकिन कर नहीं चुकाने के कारण यह लंबित था. अधिकारी ने कहा कि बस का उपयोग कुछ समय से नहीं किया जा रहा था, क्योंकि उसके पास रूट के लिए परमिट नहीं था, लेकिन बुधवार को दूसरे यात्री वाहन के स्थान पर इस बस का परिचालन किया गया और यह बस दुर्घटना का शिकार हो गई.
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इन अफसरों को यहां भेजा
इस घटना के बाद राज्य सरकार ने पहले कलेक्टर का तबादले का आदेश जारी किया, उसके बाद राज्य परिवहन आयुक्त और गुना एसपी के तबादले का भी आदेश जारी कर दिया. राज्य परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, और पुलिस अधीक्षक (एसपी) विजय खत्री दोनों को पुलिस मुख्यालय में स्थानांतरित किया गया है, जबकि पुलिस अधीक्षक (एसपी) विजय खत्री राठी को अतिरिक्त सचिव के रूप में राज्य सचिवालय में स्थानांतरित किया गया है. प्रधान सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग का प्रभार लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश राजौरा को दिया गया है.
FIR दर्ज
एक अधिकारी ने कहा कि बजरंगगढ़ थाने में बस और डंपर दोनों के चालकों के अलावा बस मालिक भानुप्रताप सिंह सिकरवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत और मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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