Madhya Pradesh News in Hindi: मानसिंह पटेल (Maan Singh Patel) की रहस्यमयी गुमशुदगी के मामले की जांच के लिए SIT का गठन हो गया है. इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अभय सिंह (Abhay Singh) करेंगे. तीन सदस्यीय इस टीम में मयंक अवस्थी (Mayank Awasthi ) और अनुराग सुजानिया (Anurag Sujania) भी शामिल होंगे. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (Director General of Police, Madhya Pradesh) को वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों की एक नई SIT गठित करने का निर्देश दिया था. इसके साथ ही ये भी कहा था कि एसआईटी में मध्यप्रदेश के मूल का कोई आईपीएस अधिकारी नहीं होना चाहिए.
यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब NDTV की एक खास रिपोर्ट के बाद मानसिंह पटेल की गुमशुदगी के मामले की गंभीरता सामने आई थी.मानसिंह के बेटे, सीताराम पटेल ने NDTV के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मौजूदा कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर उनके पिता की गुमशुदगी और उनकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया था.
NDTV के खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट में उठाया था मामला
NDTV के खुलासे के बाद OBC महासभा ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और SIT के गठन का आदेश दिया था. याचिकाकर्ताओं ने "हैबियस कॉर्पस" की मांग की थी, जिसमें मानसिंह पटेल को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने की अपील की गई थी. इन लोगों ने ये आरोप लगाया था कि उन्हें अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है.
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चार महीने में पूरी करनी होगी जांच
SIT को चार महीनों के भीतर अपनी जांच पूरी करनी होगी, जिसके बाद जांच के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, इस मामले में गोविंद सिंह राजपूत ने अपनी बात रखते हुए कहा है कि कोर्ट ने अपने आदेश में उनका नाम नहीं लिया है, न ही नोटिस जारी किया है और न ही उनके खिलाफ FIR दर्ज करने को कहा है. कोर्ट ने सिर्फ अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करने को कहा है. चूंकि कोर्ट ने उनका नाम नहीं लिया है, लिहाजा साफ हो जाता है कि कोर्ट को मेरे खिलाफ लगे आरोपों में कोई दम नहीं दिखा. राजपूत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये आरोप उनके खिलाफ सियासी साजिश है, जो उनकी छवि को खराब करने के लिए लगाए गए हैं.
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