Energy Minister Pradyuman Singh Tomar: मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र (Gwalior Assembly Constituency) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradyuman Singh Tomar) अपनी अलग कार्यशैली के लिए हमेशा ही चर्चाओं में रहने के साथ ही मीडिया की सुर्ख़ियों में भी बने रहते हैं.
इस वक्त जहां सारे प्रत्याशी मतदान के बाद मतगणना का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन तोमर सोमवार की सुबह फिर अपने रूप में दिखे. उन्होंने सुबह एक हजार बिस्तर के सरकारी अस्पताल परिसर में पहले झाड़ू लगाईं और फिर पेशाब घर और टॉयलेट के पॉट साफ़ किए. तोमर ने बताया कि यह सब वे अनजानी गलतियों से प्रायश्चित करने के लिए कर रहे हैं.
मंत्री को झाड़ू देता देख हैरत में पढ़ गए अस्पताल के स्टाफ
दरसल, तोमर की पत्नी की बीती रात अचानक तबीयत खराब हो गई थी. वे उन्हें दिखाने के लिए सरकारी हॉस्पीटल में गए, तो डॉक्टर्स ने उन्हें भर्ती करने की सलाह दी. पत्नी को भर्ती कराने के बाद तोमर खुद भी हॉस्पिटल में ही रुक गए. इस बीच सुबह-सुबह उन्होंने अचानक झाड़ू थामा और पूरे परिसर की सफाई शुरू कर दी. इसके बाद हेंड ग्लब्स मंगवाकर अस्पताल के सभी टॉयलेट और पेशाब घरों की सफाई की. इस दौरान एक मंत्री को इस रूप में देखकर अस्पताल का स्टाफ अवाक नजर आया. वहीं, मंत्री के झाड़ू लागने की सूचना फैलते ही अस्पताल में मौजूद आम लोगों की भीड़ लग गई.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और ग्वालियर से BJP प्रत्याशी प्रद्युम्न तोमर आज सुबह एक सरकारी अस्पताल परिसर में पहले झाड़ू और फिर टॉयलेट साफ़ करते दिखे. उनका कहना है कि यह सब वे अनजानी गलतियों से प्रायश्चित करने के लिए कर रहे हैं.
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) November 27, 2023
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तोमर ने बताई ये वजह
तोमर ने बताया कि मेरी धर्मपत्नी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इस दौरान मैं रात्रि को उनके उपचार के सिलसिले में हजार बिस्तर के अस्पताल में ही रुका. रातभर बहुत मनन-चिंतन किया. सोचा कि 57 साल की उम्र हो गई है. इस उम्र में इस सेवक से कई अच्छे काम भी हुए हैं, लेकिन जाने-अनजाने में कई गलतियां भी हुईं होंगी. लिहाजा, मुझे लगा कि उन कमियों के लिए सिर्फ मुख से क्षमा करने से ही क्षमा नहीं मिलती है. कोई न कोई सज़ा जरूर मिलती है. मेरा ऐसा मानना है कि इस जन्म को ठीक करने के साथ-साथ अगले जन्म को ठीक करने के लिए भी मुझे कुछ अच्छे कर्म करने चाहिए. इसी सोच के साथ मन में यह तय किया कि ग्वालियर का यह अस्पताल जो एक मानव सेवा का एक मंदिर भी है. यहां भगवान भी आते हैं और भगवान वहीं वास करते हैं, जहां साफ-सफाई होती है. माता लक्ष्मी भी सफाई में ही वास करती है. इसलिए हमने सफाई करने का तय किया.
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हर प्रवास पर करेंगे सफाई
इस मौके पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मेरे अनेक मित्र भी इस अभियान में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि हम सबने मिलकर यह तय किया है कि मैं हर प्रवास के दौरान नियमित रूप से कम से कम दस मिनट सफाई करूंगा. इससे यह मंदिर स्वच्छ रहेगा, तो भगवान भी खुश होंगे. माता लक्ष्मी भी खुश होंगी, जिससे हमारे साथ-साथ हमारे परिवार ग्वालियर का भी भला होगा. उन्होंने बताया कि मन में आए इसी भाव के बाद इस संकल्प के तहत काम भी शुरू कर दिया.
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