
Madhya Pradesh Election Results: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम में मिली करारी हार पर कांग्रेस (Congress) में समीक्षा और मंथन का दौर शुरू होने जा रही है. इसके लिए बाकायदा उसने मंगलवार को अपने सभी 230 प्रत्याशियों को भोपाल बुलाया है. कमलनाथ के बंगले पर मंगलवार सुबह समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाएगा. इसमे मुख्य रूप से पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) और मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) मौजूद रहेंगे. इस दौरान प्रत्याशियों से विधानसभा वार हार-जीत की समीक्षा की जाएगी.
दरअसल, जिस बड़े अंतर के साथ कांग्रेस को मध्य प्रदेश में शिकस्त मिली है. उससे कांग्रेस सदमे की स्थिति में है. कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि कांग्रेस तो छोड़िए बीजेपी के नेताओं को भी इस तरह के परिणाम आने का अंदाजा नहीं था. इस चुनाव में कांग्रेस के कई बड़े नेता हार गए हैं, जिनमें नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह, कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं.
मतदान के बाद कांग्रेस जीत को लेकर थी कॉन्फिडेंट
मतदान से पहले और मतदान के बाद कांग्रेस अपनी जीत को लेकर काफी कॉन्फिडेंट दिखाई दे रही थी. उसके तमाम बड़े नेता यह दावा कर रहे थे कि मध्य प्रदेश में 130 से ज्यादा सीटों के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. हालांकि, जब एग्जिट पोल आए और उनमें से कई एग्जिट पोल ने मध्य प्रदेश में बीजेपी को बड़ी बढ़त दिखाई. इसके बाद भी कांग्रेस अपनी बात को डिफेंड करती हुई दिखाई दी. फिर मतगणना के बाद शुरुआती रुझानों में बीजेपी बड़ी बढ़त लेती हुई दिखाई दी और आखिरकार मतगणना की समाप्ती तक बीजेपी 160 सीटों को पार कर गई.
लाडली बहना योजना का दिखा असर
कांग्रेस की इतनी बड़ी हार और बीजेपी कितनी बड़ी जीत कैसे हुई, इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी. मोदी ने चुनावी प्रचार के दौरान पीएम मोदी की गारंटी यानी हर गारंटी पूरी होने की गारंटी की बात कही. चुनाव से पहले बीजेपी ने जन आशीर्वाद यात्राएं निकाली और प्रदेश के हर एक घर तक पहुंचाने की कोशिश की. इस दौरान उनके नेताओं ने प्रदेश सरकार की ओर से किए गए जनहितैषी कार्य गिनवाए और लाभार्थियों से चर्चा भी की और उन्हें आगामी चुनाव में भाजपा का साथ देने की अपील की. इसके अलावा कही ना कही लाडली बहना योजना भी इस पूरे चुनाव में चेंजमेकर के रूप में दिखाई दी.
ये भी पढ़ें-MP Election Results: ज्योतिरादित्य सिंधिया की चमक पड़ी फीकी, 13 में से 8 समर्थकों की डूबी नैया
इसके अलावा कांग्रेस ने जो अपना वचन पत्र बनाया था, उसमें से कई सारी बातें ऐसी थी, जिनको बीजेपी पहले ही लागू कर चुकी थी. चाहे वह महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए मिलना हो, या सस्ता गैस सिलेंडर देना हो, या फिर बिजली के बिल में कटौती. कहीं न कहीं इन सभी वजहों के चलते मध्य प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका मिला. अब कांग्रेस की समीक्षा बैठक होगी और फिर उसके बाद वह अपने प्रत्याशियों से हार जीत की जानकारी लेगी, तब कांग्रेस उस पर अपनी क्या प्रतिक्रिया देती है. इसका सबको इंतजार है.
ये भी पढ़ें- MP Election result: इस सीट पर नहीं चला BJP-कांग्रेस का जादू, झोपड़ी में रहने वाले कमलेश्वर बने विधायक