
Madhya Pradesh Dengue: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में डेंगू (Dengue) का आतंक बढ़ता जा रहा है. वैसे तो डेंगू के मामले हर साल सिंतबर से लेकर अक्टूबर तक बरसात के मौसम में देखे जाते हैं. लेकिन अब नवंबर और दिसंबर महीने में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं क्योंकि डेंगू का लार्वा हल्के ठंड और गर्म मौसम के बीच पनपता है. अकेले राजधानी भोपाल (Bhopal) में करीब 400 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि सरकारी विभाग की ओर से दिए गए आंकड़ों में 380 मामले बताए गए हैं.
वहीं राज्य की बात करें तो मध्य प्रदेश में 1500 मामले डेंगू के दर्ज हो चुके हैं. पूरे राज्य में कुछ दिनों से डेंगू के मामले अचानक से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं. वैसे तो सावन के महीने और बारिश के दौर के बाद मौसम में अचानक से बदलाव देखने को मिलता है.
मलेरिया विभाग चला रहा बचाव अभियान
मलेरिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हमारी टीमें सर्वे कर रही हैं. डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. इस संबंध में जांच और कार्रवाई जारी है.
वहीं इनको लेकर प्रतीकात्मक चलन भी बनाए जा रहे है. विभाग लोगों से पानी एकत्र न करने की अपील कर रहा है. साथ ही लोगों से दहशत में न आने की अपील की जा रही है. डॉक्टर बताते हैं, डेंगू के मच्छर अक्सर दिन के समय में ज्यादा काटते हैं. इस दौरान बचाव के लिए उपाय करना बहुत आवश्यक हो जाता है.
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डेंगू की रोकथाम के लिए अपनाया जा रहा नया तरीका
इस साल डेंगू की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग भोपाल ने एक नया तरीका अपनाया है. इस साल डेंगू के लार्वा को खत्म करने के लिए लोगों में गम्बूसिया मछली का वितरण किया जा रहा है.
जिला मलेरिया ऑफिस से इन मछलियों का निशुल्क वितरण कर लोगों को घरों और आसपास इन्हें भरे हुए या जमा हुए पानी में डालने के लिए निर्देशित किया जा रहा है. गम्बूसिया मछली 24 घंटे में करीब 100 से 300 लार्वा तक खा सकती है और एक वर्गक्षेत्र में करीब 5 से 6 मछलियां ये काम कर सकती है और लार्वा को नष्ट कर सकती हैं.
क्या हैं डेंगू के लक्षण?
डेंगू का शिकार होने के बाद पीड़ित शख्स में कुछ बदलाव दिखने लगते हैं. साथ ही कुछ गंभीर लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं. जैसे,
- अचानक तेज बुखार आना
- गंभीर सिरदर्द
- जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- सूजी हुई लिम्फ ग्रंथियां
- जी मिचलाना
- उल्टी करना
- खुजली
- थकान
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क्या हैं डेंगू से बचाव के तरीके?
डेंगू से बचाव के लिए आपको पहले ही सतर्क होना जरूरी है. कुछ आवश्यक काम करने के बाद डेंगू के आतंक को रोका जा सकता है,
- मच्छरों को पनपने से रोकें
- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें
- मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें
- घर में कीटनाशक दवाई छिड़के
- बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहें
- सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
- टंकियों और बर्तनों में भरे पानी को ढक कर रखें
डेंगू का शिकार होने पर ये चीजें जरूर खाएं
डेंगू के लक्षण दिखने के बाद पीड़ित शख्स को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए. कुछ ऐसे डाइट्स हैं जिनका सेवन करने से शरीर जल्दी रिकवर करता है.
इस बीमारी में खून बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन जरूरी होता है क्योंकि डेंगू का शिकार हुए मरीज की प्लेटलेट्स तेजी से गिरती हैं जो जानलेवा भी साबित हो सकता है.
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