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CM साहब का पेन अटका...बदल गया गांव का नाम ! 10 दिनों में 14 के नाम बदले, 24 कतार में

मध्यप्रदेश की सियासत में इन दिनों गांवों के नाम बदलने को लेकर खूब चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार के एक झटके में 11 गावों के नाम बदलने का ऐलान कर दिया. बीते 10 दिनों राज्य में 14 गावों के नाम बदल चुके हैं. सूत्रों का दावा है कि अभी 24 गांव कतार में हैं.

CM साहब का पेन अटका...बदल गया गांव का नाम ! 10 दिनों में 14 के नाम बदले, 24 कतार में

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार बीते 10 दिनों में राज्य के 14 गावों के नाम एक झटके में बदल दिए हैं. रविवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक सभा में 11 गावों के नाम एक साथ बदलने का ऐलान किया .  इसके साथ ही प्रदेश में नाम बदलने का सिलसिला शुरू होने के बाद अब सियासत भी जोर पकड़ने लगी है. वैसे आपको बता दें कि नाम बदलने की राजनीति का गढ़ योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश को माना जाता है लेकिन असलियत ये है कि इस मामले में अव्वल तो अपना मध्यप्रदेश है. खुद गृह मंत्रालय की रिपोर्ट तो 3 साल पहले आई थी वो बताती है कि 5 साल में अकेले मध्यप्रदेश में 42% शहरों के नाम बदले गए हैं. आगे बढ़ने से पहले ये जान लेते हैं कि बीते दिनों किन 11 गावों के नाम एक साथ बदले गए. 

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"33 करोड़ देवता हैं किसी के नाम पर रख लो"

नाम बदलने के पीछे खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जो तर्क दिया है उसे भी आप जान लीजिए. उज्जैन के कार्यक्रम में CM साहब ने कहा- कुछ नाम लिखने पर पेन अटकता है...कुछ नाम बोलने में खटकते हैं तो उसे बदलने में गलती क्या है. इससे पहले शाजापुर जिले में मंच से जनता को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा-''जब आपने कहा कि कुछ नाम अटक रहे और खटक रहे हैं तो मैं कुछ गलती तो नहीं कर रहा...  हूं? अगर मोहम्मदपुर मछनाई में कोई भी मोहम्मद नहीं है तो मोहम्मदपुर कैसा? कोई मुस्लिम बंधु हो तो नाम रखो.  तो अब नाम बदलकर मोहनपुर कर दिया जाता है. अपने तो क्या 33 करोड़ देवी-देवता है तो किसी के भी नाम से रख लो"

दिग्विजय बोले- मुझे पंडित-मौलाना लिखने में ऐतराज नहीं

दूसरे शब्दों में कहें तो लिखते समय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पेन अटका तो उज्जैन जिले के मौलाना गांव का नाम विक्रम नगर हो गया ... जहांगीरपुर गांव को जगदीशपुर नाम दे दिया गया...वैसे आपको बता दें कि कालापीपल के विधायक ने मुख्यमंत्री से एक साथ 11 गावों के नाम बदलने की सिफारिश की थी. जिसके बाद CM इसका ऐलान किया. 
वैसे मध्यप्रदेश में नाम बदलने की परंपरा नई नहीं है. इसके पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहते शिवराज सिंह चौहान भी कई जगहों के नाम बदल चुके हैं. अब जब फिर से -  नाम बदलने का दौर शुरू हुआ है तो विपक्ष ने भी तंज कसना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा उन्हें पंडित और मौलाना दोनों लिखने में कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा- मुझे न सन्त महात्मा, न सरकार, न फादर लिखने में एतराज है...ये सब लिखने में कोई ऐतराज नहीं है. इस मानसिकता ने समाज का, देश का सत्यानाश किया है.मुख्यमंत्री जी आपसे ये उम्मीद नहीं थी.  

गौरतलब ये है कि फिलहाल पूरे राज्य में 55 से अधिक ऐसे शहर और गांवों की सूची सामने आई है, जहां नाम परिवर्तन की मांग की जा रही है. सबसे ज्यादा डिमांड राजधानी भोपाल और रायसेन से हैं. जहां 12-12 जगहों के नाम बदलने की मांग है.

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