
Madhya Pradesh Budget 2025: देश का हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश, पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना चुका है. बजट (MP Vidhan Sabha Budget 2025) के दौरान पर्यटन व संस्कृति पर बात करते हुए वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Devda) ने कहा कि राज्य में पर्यटन के विकास की दिशा में किए गए प्रयासों से न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोज़गार के अवसर भी सृजित हुए हैं. प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के 14 स्मारकों का निर्माण लगभग रुपये 507 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. आइए जानते हैं बजट में पर्यटन और संस्कृति विभाग के लिए क्या कुछ प्रावधान किए गए हैं?
देश का हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश, पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बना चुका है। राज्य में पर्यटन के विकास की दिशा में किए गए प्रयासों से न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित हुए हैं।
— Jansampark MP (@JansamparkMP) March 12, 2025
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पर्यटन और संस्कृति के लिए क्या कुछ रहा खास
विश्व के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक, ओंकारेश्वर में उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर महालोक का निर्माण किया जाएगा. अद्वैत वेदान्त दर्शन के प्रणेता आचार्य शंकर के जीवन दर्शन के प्रसार के उद्देश्य से संग्रहालय एवं "आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदान्त संस्थान को विकसित किया जा रहा है.
''सिंहस्थ'' महापर्व न केवल मध्यप्रदेश के लिए अपितु संपूर्ण विश्व के लिए प्रतिष्ठापूर्ण आयोजन है। सिंहस्थ-2028 महापर्व के अवसर पर देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में धर्मप्रेमी जनता का, श्रद्धायात्रा पर पधारना संभावित है।
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हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में जहाँ-जहाँ भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े, उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जायेगा. इस हेतु श्रीकृष्ण पाथेय योजना के लिये रुपये 10 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है. इसी प्रकार राम पथ गमन योजना में प्रभु श्री राम के वनगमन पथ अंचल का विकास तथा धार्मिक नगरी चित्रकूट का समग्र विकास किया जाएगा. इस योजना के लिये रुपये 30 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है.
प्रदेश अपने वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का पुण्य लाभ प्रदान करने में सहभागी है. इस हेतु रुपये 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है. इस योजना में, प्रारंभ से अब तक 8 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं. इस योजना के तहत दिव्यांग नागरिकों को भी निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है. पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व के क्षेत्र में रुपये 1 हजार 610 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है जो कि गत वर्ष से रुपये 133 करोड़ अधिक है.
प्रदेश में वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों का क्षेत्रफल लगभग 11 हजार 200 वर्ग किलोमीटर है. प्रदेश में 11 राष्ट्रीय उद्यान एवं 24 वन्यप्राणी अभयारण्य हैं. वन्य प्राणी संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय उद्यान तथा बफर क्षेत्रों में वन्य जीव, वन्य प्राणी मानव संघर्ष को रोकने हेतु लगभग 3 हजार किलोमीटर वन सीमा में फेन्सिंग कार्य किया जायेगा.
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