MP Elections: विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में बुरहानपुर सीट (Burhanpur Assembly) से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार अर्चना चिटनीस ने जीत हासिल की है. तो वहीं, कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसी कड़ी में कांग्रेस संगठन और ठाकुर सुरेंद्र सिंह के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. चुनावों में हारने के बाद पहले ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने यह बयान दिया कि कांग्रेस संगठन ने उनका साथ नहीं दिया. बाद में इस बयान से बवाल मचने पर उन्होंने अपना बयान बदल दिया और कहा कांग्रेस को बूथ स्तर पर मजबूती करने की जरूरत है. इस मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकू टांक ने भी अपना ब्यान दिया. उन्होंने कहा, "अपने हार से ठाकुर सुरेंद्र सिंह हताश हो गए हैं....इसी के चलते वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. संगठन ने मेहनत की तभी उन्हें 68 हजार वोट मिले हैं."
बुरहानपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने BJP की कद्दावर नेता अर्चना चिटनीस के सामने ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा को टिकट दिया था. लेकिन 2018 में अर्चना चिटनीस को 5120 वोटों से शिकस्त देने वाले ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा 2023 के विधानसभा चुनाव में BJP की अर्चना चिटनीस से 30 हजार से ज़्यादा वोटों से हार गए और बुरहानपुर पर सियासी समीकरण एकदम पलट गया. चुनावों में हार का सामना करने के बाद ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा ने पहले यह बयान दिया कि कांग्रेस संगठन ने उन्हे चुनाव में सहयोग नहीं दिया.
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जब इस बयान पर बवाल मचा तो उन्होंने अपना बयान बदल कर यह कहा, "मैंने यह कहा था कि कांग्रेस को अब बूथ लेवल मजबूत करने की ज़रूरत है. साथ ही उन्होंने कहा जिन पदाधिकारियों के बूथ पर कांग्रेस पराजित हो जाती है तो उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त कर, ऐसे कार्यकर्ताओं को पुरस्कार के रूप में पद देना चाहिए जिनके बूथों पर कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन हुआ हो."
ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा के बयान पर बुरहानपुर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रिंकू टांक खासे नाराज नज़र आए. रिंकू टांक ने कहा,
हार की हताशा में ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा इस तरह के बयान दे रहे है लेकिन उन्हें ऐसे बयान से बचना चाहिए. इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है अभी सामने लोकसभा चुनाव है. ऐसे में कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और संगठन की मेहनत का ही नतीजा है...जो आज उन्हें 68 हजार वोट मिले हैं, अन्यथा ठाकुर सुरेंद्र सिंह जो कि निर्दलीय विधायक थे उनके खिलाफ एक समय पर काफी एंटी-इन्कंबेसी थी.
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