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This Article is From Oct 23, 2023

MP Election 2023: सपा से गठबंधन टूटने पर दिग्विजय ने किया चौंकाने वाला खुलासा, बोले- कमलनाथ ये चाहते थे

MP Assembly Election 2023: कांग्रेस नेता ने सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव के साथ अपने मजबूत संबंधों को भी याद किया. जब सिंह को बताया गया कि लखनऊ में भावी प्रधानमंत्री के रूप में अखिलेश यादव के पोस्टर लगे हैं, तो उन्होंने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की.

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MP Election 2023: सपा से गठबंधन टूटने पर दिग्विजय ने किया चौंकाने वाला खुलासा, बोले- कमलनाथ ये चाहते थे

 Madhya Pradesh Assembly Election 2023: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने सोमवार को कहा कि पार्टी में उनके सहयोगी कमलनाथ (Kamal Nath) अगले महीने होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ 'पूरी ईमानदारी' के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन पता नहीं विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के दोनों घटकों के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत कैसे पटरी से उतर गई.

सिंह ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की उनके नेतृत्व के गुणों के लिए प्रशंसा की और मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ की ओर से उनके लिए शब्दों के चयन पर असहमति भी जताई. दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने कमलनाथ को सपा के लिए चार विधानसभा सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था, जबकि सपा आधा दर्जन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती थी. सपा ने इस बीच मप्र में दो दर्जन से अधिक सीटों पर सपा ने अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है.

अखिलेश की तारीफ की

भोपाल में उन्होंने कांग्रेस और सपा के बीच सीटों की लड़ाई को कम करने की कोशिश की. यह लड़ाई कांग्रेस की ओर से ‘इंडिया' गठबंधन के घटक होने के बावजूद सपा को कोई विधानसभा सीट आवंटित नहीं करने के बाद छिड़ी जंग के बाद कही. राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यह ठीक है. गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना झगड़े होते रहते हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि सपा और अखिलेश कभी भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे.

कमलनाथ के बयान को किया खारिज

पिछले हफ्ते मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं करने के लिए सपा अध्यक्ष कीओर से कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना करने के बाद गठबंधन के मुद्दे पर मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कथित तौर पर कहा था. छोड़िए, अखिलेश वखिलेश. दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ की ओर से यादव की आलोचना को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि कमलनाथ ने ऐसा कैसे कहा. ' इंडिया' गठबंधन के किसी नेता के बारे में ऐसी प्रतिक्रियाओं से बचना चाहिए.

दिग्विजय ने सपा को चार सीट देने का दिया था सुझाव

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि 230 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के भीतर चर्चा हुई थी. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कमलनाथ ने दीप नारायण यादव के नेतृत्व वाले सपा नेताओं के साथ चर्चा के लिए कांग्रेस नेता अशोक सिंह को मेरे पास भेजा था. भोपाल में उनसे हमारी चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा कि सपा एक सीट बिजावर (2018 के चुनावों में) बुंदेलखंड क्षेत्र में जीती थी और दो अन्य सीटों पर वह दूसरे स्थान पर थी. सपा छह सीटें चाहती थी और मैंने कमलनाथ को सपा के लिए चार सीटें छोड़ने का सुझाव दिया था.

कमलनाथ भी चाहते थे गठबंधन

उन्होंने कहा कि बाद में मामला कांग्रेस कार्य समिति और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के पास गया, लेकिन उन्होंने सपा के साथ गठबंधन का मुद्दा राज्य नेतृत्व पर छोड़ दिया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन अगला लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ेगा, लेकिन साथ ही कहा कि राज्यों के चुनाव से जुड़े मुद्दे अलग होते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि यह  मध्य प्रदेश में गठबंधन की बातचीत कहां पटरी से उतर गई. लेकिन जहां तक कमलनाथ का सवाल है, मैं कह सकता हूं कि वह पूरी ईमानदारी के साथ सपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे.

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मुलायम सिंह से अपने रिश्तों की दी दुहाई

 कांग्रेस नेता ने सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत मुलायम सिंह यादव के साथ अपने मजबूत संबंधों को भी याद किया. जब सिंह को बताया गया कि लखनऊ में भावी प्रधानमंत्री के रूप में अखिलेश यादव के पोस्टर लगे हैं, तो उन्होंने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की.

सिंधिया को लेकर कही ये बात

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र शिवपुरी से कांग्रेस की ओर से पिछोर के मौजूदा विधायक केपी सिंह को मैदान में उतारने के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केपी सिंह उनकी पार्टी के सहयोगी, एक लोकप्रिय नेता है और उनके रिश्तेदार भी हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसा सिंधिया को भाजपा के टिकट पर शिवपुरी से चुनाव लड़ने से रोकने के लिए किया गया था. इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि निश्चित रूप से सिंधिया डरकर भाग गए. वे केपी सिंह का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए.  आपको बता दें कि शिवपुरी से मौजूदा भाजपा विधायक और ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ एवं मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर इस बार चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.

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