
टीकमगढ जिले में रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों पर लोकायुक्त लगातार कड़ी कार्रवाई कर रहा है. बावजूद इसके रिश्वत लेने के मामलों में कमी नहीं आ रही है. लोकायुक्त के पास भ्रष्टाचार से जुड़ी औसतन 12 से 15 शिकायतें हर माह पहुंच रहीं हैं, जो रिश्वत मांगने, आय से अधिक संपत्ति सहित शासकीय कर्मियों द्वारा की जा रहीं अन्य आर्थिक अनियमितताओं संबंधी हैं. इसी के चलते मंगलवार को जिले में एक सरकारी स्कूल में लोकायुक्त टीम ने छापा मारकर दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है. इन पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उनको गिरफ्तार किया गया है.
टीकमगढ जिले के पलेरा के सीएम राइज सांदीपनि स्कूल में सागर लोकायुक्त ने एक लाख रुपये की रिश्वत समेत दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. लोकायुक्त पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आलमपुर निवासी अनिल कुमार खरे (60) पलेमा के माध्यमिक विद्यालय बेला में सहायक शिक्षक है.
सैलरी का भुगतान करने के लिए मांग रहे थे रिश्वत
अनिल खरे को उनकी शाला का प्रभार नहीं लेने के आरोप में जनवरी 2023 में निलंबित किया गया था और जुलाई 2023 में बहाल कर दिया था. अनिल खरे निलंबन अवधि के वेतन का भुगतान करवाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने पलेरा के सीएम राइज स्कूल के सहायक शिक्षक कैलाश खरे और टोरिया के माध्यमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक शंकर लाल कटारे से मुलाकात की, जो 5 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे.
आवेदक अनिल कुमार खरे ने इस संबंध में लोकायुक्त सागर में शिकायत की. पुलिस अधीक्षक ने उनकी शिकायत की जांच के लिए निरीक्षक रंजीत सिंह को आदेश दिया. फिर जब रिश्वत मांगने की बात सही मिली. दोनों शिक्षक मंगलवार तक 1 लाख रुपये की रिश्वत लेने पर सहमत हो गए थे.
फिर लोकायुक्त पुलिस ने दोनों शिक्षकों को रंगेहाथ पकड़ने के लिए योजना बना ली और मंगलवार को दोनों को स्कूल में ही एक लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया.
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