Lok Sabha Elections 2024 News: लोकसभा निर्वाचन 2024 (Lok Sabha Elections 2024) की तैयारियों को लेकर उप जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं सहायक रिटर्निंग अधिकारियों (Sub District Election Officers and Assistant Returning Officers) के सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के पहले चरण के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer Madhya Pradesh) अनुपम राजन (Anupam Rajan) ने सोमवार को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी (RCVP Noronha Academy of Administration) भोपाल में किया. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि हर एक चुनाव नया चुनाव होता है. यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें. निर्वाचन से संबंधित सभी कार्य समय पर पूर्ण कर लें.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकरी मप्र, अनुपम राजन द्वारा उपजिला निर्वाचन अधिकारियों, सहायक रिटर्निंग अधिकारियों के सर्टिफिकेशन प्रोग्राम के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। @rajivkumarec @SpokespersonECI @ECISVEEP #LokSabhaElections2024 #ChunavKaParv #DeshKaParv
— Chief Electoral Officer, Madhya Pradesh (@CEOMPElections) February 19, 2024
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मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है
लोकसभा निर्वाचन 2024 के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) द्वारा भेजे जाने वाले सभी दिशा-निर्देशों का अच्छी तरह से अध्ययन कर लें. 8 फरवरी को प्रदेश के समस्त मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची (Voter List) का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है. मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया अभी चल रही है, ऐसे में जिन मतदाताओं का नाम छूट गया है या जिनकी उम्र एक जनवरी 2024 को 18 वर्ष से अधिक हो गई है वे नागरिक अपना नाम मतदाता सूची में जुड़वा सकते हैं.
मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कहा गया कि उपजिला निर्वाचन अधिकारी व सहायक रिटर्निग अधिकारी मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन करें. यदि किसी मतदान केंद्र पर 1500 से अधिक मतदाताओं की संख्या है, तो सहायक मतदान केंद्र बनाने का प्रस्ताव भेजें. उन्होंने सभी अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर बैठक व्यवस्था, बिजली, शौचालय, पीने का पीने और रैंप की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
मतदान प्रतिशत बढ़ाने प्रचार-प्रसार करें
मध्य प्रदेश में कई ऐसे कई मतदान केंद्र हैं जहां पर पिछले लोकसभा निर्वाचन-2019 में मतदान का प्रतिशत प्रदेश के हिसाब से कम था. ऐसे क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाताओं को प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक करें. स्वीप (SVEEP) गतिविधियों में तेजी लाएं. इसके साथ ही वल्नरेबिलिटी मैपिंग की कार्यवाही भी पूर्ण करें.
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