Lok Sabha Election 4 Polling: हमेशा चर्चा में बने रहने वाला इंदौर (Indore) आज एक बार फिर चर्चा में है. हालांकि चर्चा का कारण इंदौरवासियों के लिए अच्छा नहीं कहा जा सकता. देश में आज चौथे चरण का मतदान (Lok Sabha Election 4 Voting) सम्पन्न हो गया. मध्य प्रदेश में चौथे चरण के चुनाव से पहले ही इंदौर लोकसभा (Indore Loksabha Seat) काफी चर्चा में बनी हुई थी. लेकिन ये सीट वोटिंग के मामले में फिसड्डी साबित हुई.
इंदौर में चौथे चरण में हुई सबसे कम वोटिंग
यहां इस चरण में सबसे कम वोटिंग हुई. यहां शाम 6 बजे तक 60.53 प्रतिशत वोटिंग हुई जो चौथे चरण की आठ सीटों में सबसे कम है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चौथे चरण (Fourth Phase Voting) की वोटिंग के साथ ही सभी 29 लोकसभा सीटों (Lok Sabha Seat) पर मतदान समाप्त हो गया. यहां शाम 6 बजे तक 71.72 % वोटिंग हुई जो कि पिछली बार यानी साल 2019 में हुई 75.7% वोटिंग से कम थी.
अक्षय कांति बम ने लिया था नामांकन वापस
कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के कारण चर्चा में आई इदौर सीट पर इस बार शाम 6 बजे तक 60.53 प्रतिशत वोटिंग हुई जो कि चौथे चरण में आठ लोकसभा सीटों में हुई वोटिंग में सबसे कम है. इंदौर में पिछली बार 69.31 फीसदी वोटिंग हुई थी.
कांग्रेस प्रत्याशी का ना होना बड़ी वजह
बताया जा रहा है चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी का यहां ना होना इसकी सबसे बड़ी वजह बनी. आपको बता कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने यहां कांग्रेस से नामांकन किया था जिसे बाद में उन्होंने वापस ले लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके बाद यहां कांग्रेस के वैकल्पिक उम्मीदवार मोती सिंह पटेल का नामांकन भी रद्द हो गया था. जिसके खिलाफ वो कोर्ट भी गए थे तब कोर्ट ने चुनाव में कम समय का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी थी. जिससे बीजेपी के शंकर लालवानी के रास्ते पूरी तरह से खुल गए थे.
मौसम भी रहा बड़ा कारण
कम वोटिंग की दूसरी बड़ी वजह मौसम को भी माना जा रहा है. इंदौर में सुबह मौसम सुहाना था लेकिन दिन चढ़ते ही धूप की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. धूप के कारण लोगों की संख्या सुबह कम हुई हालांकि शाम को बारिश और ओले भी पड़े थे.