Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने शनिवार को कहा कि वह वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मध्य प्रदेश के विदिशा (Vidisha) में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के खिलाफ लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) लड़ने के लिए तैयार हैं. राज्यसभा सांसद सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान का मुकाबला करने के लिए तैयार हूं, लेकिन पार्टी ने मुझे यहां (राजगढ़) से चुनाव लड़ने के लिए कहा है, इसलिए मैं यहां से चुनाव लड़ूंगा.''
उनकी यह टिप्पणी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) द्वारा सवाल उठाए जाने के एक दिन बाद आई है. यादव ने कहा था कि दस साल (1993-2003) तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद दिग्विजय राज्य की राजधानी भोपाल (Bhopal) से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं? यादव ने दिग्विजय सिंह पर तंज भी कसा था कि वह 30 साल बाद राजगढ़ (Rajgarh) लौटे हैं.
कांग्रेस ने अभी तक उम्मीदवार की नहीं की घोषणा
बता दें कि कांग्रेस ने अभी तक संसदीय चुनाव के लिए दिग्विजय सिंह की उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन दिग्विजय सिंह ने दावा किया है कि पार्टी ने संकेत दिया है कि उन्हें राजगढ़ सीट से मैदान में उतारा जा सकता है, जिसका वह दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भोपाल लोकसभा क्षेत्र से दिग्विजय सिंह को 3,64,822 वोटों से हराया था. भाजपा ने राज्य के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से 28 में जीत हासिल की और कांग्रेस को एक सीट मिली.
राजगढ़ से दो बार सांसद रहे दिग्विजय सिंह
सिंह 1984 और 1991 में राजगढ़ से सांसद चुने गए. 1993 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद, यह सीट 1994 (उपचुनाव) से 2004 तक उनके भाई लक्ष्मण सिंह के पास रही. लक्ष्मण ने भाजपा के टिकट पर 2004 का लोकसभा चुनाव यहां से जीता लेकिन सिंह के करीबी सहयोगी नारायण सिंह अमलाबे ने 2009 में लक्ष्मण सिंह को हरा दिया. इसके बाद लक्ष्मण सिंह वापस कांग्रेस में आ गए. वर्ष 2014 में राजगढ़ में भाजपा के रोडमल नागर ने आमलाबे को हराया था और इस बार पार्टी ने उन्हें फिर से उम्मीदवार बनाया है.
राघौगढ़ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले दिग्विजय और उनके बेटे जयवर्धन सिंह ने राजगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. दिग्विजय के पिता बलभद्र सिंह तत्कालीन ग्वालियर राज्य के राघौगढ़ के राजा थे. वह 1951 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में वहां से चुने गए.
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