Indore Lok Sabha: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के दौरान इंदौर कांग्रेस प्रत्याशी को बड़ा झटका लगा. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर शहर के कांग्रेस उम्मीदवार (Congress Candidate) अक्षय कांति बम (Akshay Kanti Bam) और उनके पिता के खिलाफ 17 साल पुराने मामले में धारा 307 (IPC Act 307) बढ़ाने के न्यायालय के आदेश के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म हो गई. सांसद का चुनाव लड़ रहें अक्षय बम सहित अन्य को 10 मई को उपस्थित होने के आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी निधि नीलेश श्रीवास्तव नें दिए है.
प्रत्याशी अक्षय बम के नामांकन फॉर्म (Akshay Kanti Bam Nomination Form) के सम्बंध में भाजपा की ओर से दो आपत्ति पेश की गई जिसमें अक्षय कांति बम द्वारा जेएमएफसी कोर्ट में लंबित आपराधिक प्रकरण में कोर्ट द्वारा इजाफा की गई धारा 307 आईपीसी को जानबूझकर छुपाने का आरोप लगा कर नामांकन फॉर्म निरस्त किए जाने की मांग की गई.
ये है अक्षय कांत के विरोध में पूरा मामला
17 साल पुराने मामले में एक पुलिस अधिकारी की सिक्योरिटी एजेंसी को कांतिलाल बम व अक्षय बम ने जमीन मालिक यूनुस पटेल की जमीन खाली कराने का ठेका दिया था. यूनुस के खिलाफ पुलिस ने लूट का प्रकरण दर्ज करा दिया था. इस मामले में वह दोषमुक्त हो चुके है. अभियोजन की सहायता हेतु मुकेश देवल ने बताया कि प्रकरण में अभियोग पत्र दिनांक 24.02.2014 को पेश हुआ था, लेकिन प्रकरण वर्तमान में आरोप तर्क की अवस्था पर ही नियत है. इस कारण यह भी नहीं कहा जा सकता है कि फरियादी की ओर से यह आवेदन विलंब से पेश किया गया है.
भाजपा ने नामांकन को लेकर जताई आपत्ति
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के नामांकन फॉर्म के सम्बंध में भारतीय जनता पार्टी की ओर से दो आपत्ति पेश की गई, जिसमें अक्षय कांति द्वारा जेएमएफसी कोर्ट में लंबित आपराधिक प्रकरण में कोर्ट द्वारा इजाफा की गई. भाजपा ने प्रत्याशी पर धारा 307 आईपीसी को जानबूझकर छुपाने का आरोप लगा कर नामांकन फॉर्म निरस्त किए जाने की मांग की.
इन तर्कों के आधार पर स्वीकार हुआ नामांकन
कांग्रेस प्रत्याशी की ओर से इंदौर जिला कांग्रेस लीगल सेल के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र कुमार पाठक द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष तर्क प्रस्तुत किए गए कि जिस दिनांक 24 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया था, उसी दिन कोर्ट द्वारा प्रथम दृष्टया 307 आईपीसी पाया जाना उल्लेखित कर प्रकरण सत्र न्यायाधीश को अंतरित किया है. मामले में मई माह में चार्ज लगाया जाना है. इस आधार पर आज के समय में प्रत्याशी पर कोई चार्ज 307 आईपीसी का नहीं हैं तथा इस आदेश की जानकारी भी प्रत्याशी को नामांकन व शपथ पत्र पेश करते समय नहीं थी. अतः कोई तथ्य जानबूझकर नहीं छुपाया गया है.
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इन तर्को से सहमत होकर जिला निर्वाचन अधिकारी, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा आपत्ति अमान्य करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम का नामांकन फॉर्म स्वीकार किया गया. प्रत्याशी अक्षय कांति बम, एडवोकेट अपूर्व शुक्ला एवं विनोद द्विवेदी भी उपस्थित थे. बता दें कि अभियुक्तगण कांतिलाल एवं अक्षय फिलहाल जमानत पर हैं. उनके अधिवक्ता को आदेशित किया गया कि वह आगामी नियत दिनांक 10 मई 2024 को अभियुक्तगण को माननीय सत्र न्यायालय में उपस्थित रहें.
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