Ladli Behna Yojana MP Online Apply: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार लाडली बहना योजना (Ladli Behna Yojana) के तहत महिलाओं को 1000 रुपये महीना सहायता उपलब्ध कराती है. सरकार एक तरफ जहां लाडली बहना योजना के लाभार्थियों की संख्या कम कर आर्थिक बोझ करने की कोशिश में है. वहीं, राज्य की हजारों महिलाएं ऐसी हैं, जो आज भी योजना का लाभ लेने के लिए दर-दर भटक रही हैं.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव क्षेत्र गुना कलेक्ट्रेट में प्रशासन उस समय असमंजस में पड़ गया, जब एक अफवाह पर 500 से ज्यादा महिलाएं लाडली बहना का फॉर्म भरने पहुंच गईं. दरअसल, पिछले कुछ दिनों से लगभग जिलेभर में यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि लाडली बहना के फॉर्म भरे जा रहे हैं. इसके बाद कुछ ऑनलाइन सेंटरों ने भी इस अफवाह का जमकर फायदा उठाते हुए पुराने फॉर्म की फोटो कॉपी कराकर 10 रुपये से 50 रुपये तक में बेच दी. लेकिन, जब महिलाएं, फॉर्म भर कर कलेक्ट्रेट पहुंची तो उसे पता चला कि उनके साथ धोखा किया गया है.
इसलिए फैली अफवाह
दरअसल, पिछले मंगलवार को जनसुनवाई में कुछ महिलाएं लाडली बहना योजना का पुराना फार्म भरकर जमा करने पहुंची थी. ये फॉर्मों पुराने थे और केवल प्रिंट निकालकर दे दिए गए थे. इन फॉर्मों पर फोटो भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लगा था. यहां महिला बाल विकास विभाग ने उन्हें यह तो बता दिया कि अभी फॉर्म भरे नहीं हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी ने वो सब फॉर्म अपने पास ले लिए, जो महिलाएं लेकर आई थीं. बस यहीं से महिलाओं के बीच यह संदेश चला गया कि लाडली बहना के फॉर्म भरे हो रहे हैं. इसी के कारण गांव-गांव में यह अफवाह फैल गई कि कलेक्ट्रेट में लाडली बहना के ऑफलाइन लिए जा रहे हैं.
ऑनलाइन सेंटर संचालकों ने काटी चांदी
इस दौरान ऑनलाइन सेंटर संचालकों ने भी जमकर चांदी काटी. उन्होंने पुराने फॉर्म की फोटो कॉपी करा कर महिलाओं को देना शुरू कर दिया. बदले में एक फॉर्म के लिए 10 से लेकर 50 रुपये तक वसूले गए.
अफसरों के फूले हाथ-पांव
इसके बाद फॉर्म लेकर पहुंचने वाली महिलाओं की कलेक्ट्रेट में लाइन लग गई. जब अधिकारियों को यह बात पता चली, तो वह भी असमंजस में पड़ गए. इसके बाद महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारी आए और उन्होंने महिलाओं को समझाया. गुना के योजना अधिकारी राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान में शासन से ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं कि लाडली बहना के फॉर्म भरे जाएं. जब भी निर्देश आएगा, तो ग्रामीण स्तर पर ही ऑनलाइन फॉर्म जमा होंगे. अभी किसी तरह के कोई फॉर्म नहीं लिए जा रहे.
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महिलाओं ने योजना में भेदभाव का लगाया आरोप
हालांकि, इसके बाद भी महिलाओं को यकीन नहीं हुआ. वह फॉर्म जमा करने पर अड़ी रहीं. महिलाओं का कहना था कि वह इतनी दूर से फॉर्म भरने आई हैं. उनके पेट्रोल सहित फॉर्म लेने, फोटो कॉपी में काफी पैसे खर्च हो गए हैं. इस काम के लिए पूरा दिन खराब हो गया. पहले भी फॉर्म नहीं भर पाए थे और अब भी फॉर्म नहीं लिए जा रहे हैं, जब देना है, तो सभी को दो, या फिर किसी को मत दो.
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