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This Article is From Jan 04, 2025

कौन है चंदन की नर्सरी का ये 'नरेश', वियतनाम, बांग्लादेश...और पाकिस्तान से आ रहे ऑर्डर

Sandalwood cultivation News : चंदन की नर्सरी से एक किसान ने अपने घर की तस्वीर ही बदल दी. कुछ ही सालों में देखते-देखते मैहर जिले के कृष्ण कुमार चंदन के पेड़ों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सप्लाई करने लगे. विदेशों से ऑर्डर आ रहे हैं. लाखों की कमाई कर रहे हैं. ये कमाल का तरीका यूट्यूब से सीखा है. आज कई किसानों के लिए आदर्श बन गए. पढ़िए NDTV की ये खास ग्राउंड रिपोर्ट.

कौन है चंदन की नर्सरी का ये 'नरेश', वियतनाम, बांग्लादेश...और पाकिस्तान से आ रहे ऑर्डर
कौन है चंदन की नर्सरी का ये 'नरेश', वियतनाम, बांग्लादेश...और पाकिस्तान से आ रहे ऑर्डर

Sandalwood plant price : चंदन की नर्सरी से किसान की किस्मत चमक गई. अब नर्सरी की खुशबू से हर जगह तारीफ हो रही है. हर एक शख्स कृष्ण कुमार से मिलना चाह रहा है. उनसे जनना चाह रहा है कि आखिर कैसे चंदन की नर्सरी से वो लाखों की कमाई कर रहे हैं. दरअसल,  परंपरागत रूप से चंदन के पेड़ उगाने वाला एक परिवार पिछले कई दशक से नो प्रॉफिट और नो लॉस पर काम कर रहा था, लेकिन बीते 3 साल पहले यूट्यूब की टिप्स इस परिवार के लिए इतनी असरकारक साबित हुई कि यह अंतर्राष्ट्रीय सप्लायर बन गया. अब इनकी नर्सरी में तैयार बीज और पेड़ पौधे वियतनाम, बांग्लादेश, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसे सात समंदर पार स्थित देशों तक पहुंच रहे हैं.

सोशल मीडिया के माध्यम से इनका प्रचार होता है, और वहीं पर इन्हें सामग्री सप्लाई का आर्डर मिलता है, जिसके बाद यह परिवार लाल और सफेद चंदन के पौधे देश-विदेश में कोने-कोने तक पहुंचा रहा है.
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यह कहानी मैहर जिले के त्योंधरी गांव निवासी कृष्ण कुमार की है, जिन्होंने बेहद कम समय में एक ऐसा कारनामा कर दिया कि आज उन्हें चंदन की नर्सरी के 'नरेश' के तौर पर पहचाना जाने जा लगा है. उन्होंने बताया कि चंदन का पौधा तैयार करने में उन्हें मात्र तीन से चार रुपये कि लागत आती है. वहीं, बाजार में बड़ी आसानी से 200 से 300 रुपये का बिक जाता है. इस प्रकार से उन्हें केवल नर्सरी के कारण लाखों रुपये का मुनाफा होने लगा. 

आसपास के लोगों को दे रहे चंदन के पेड़ उगाने के टिप्स 

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कृष्ण कुमार आज क्षेत्रीय लोगों के लिए एक उदाहरण बन चुके हैं. अब उनकी गिनती सफल किसानों में होने लगी है. उन्होंने बताया कि परंपरागत खेती करने में उतना फायदा नहीं है, जितना की नर्सरी या अन्य तरह की खेती में मुनाफा है. उन्होंने बताया कि आज किसानों को कुछ अलग हटके करना होगा, तभी उनकी आर्थिक स्थिति सुधार हो सकता है. 

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खुद का चैनल भी चला रहे  

कृष्ण कुमार चंदन के अंतरराष्ट्रीय सप्लायर बनने के साथ-साथ ही अपना एक यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जिसके माध्यम से हुए अपने नर्सरी के पेड़ और बीजों के वीडियो तैयार कर चैनल में प्रसारित करते हैं. इसी यूट्यूब चैनल के माध्यम से उन्हें देश और विदेश से आर्डर प्राप्त होते हैं. 

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