
Krishi Upaj Mandi vidisha : मध्य प्रदेश के विदिशा की कृषि उपज मंडी मिर्जापुर से एक बड़ी लापरवाही की तस्वीर सामने आई है. यहां खुले आसमान के नीचे रखा गया गेहूं और धान तेज बारिश की भेंट चढ़ गया. लाखों रुपये का अनाज कुछ ही घंटों में भीगकर खराब हो गया, और इसके पीछे जिम्मेदार हैं. व्यापारियों की ढिलाई और मंडी प्रशासन की तैयारी में कमी.
खुले में रखा अनाज, तिरपाल भी न बचा सका
किसानों से खरीदा गया गेहूं और धान मंडी परिसर में खुले में ही जमा किया गया था. व्यापारियों ने इसे ढंकने के लिए तिरपाल का सहारा तो लिया, लेकिन बीती रात आई तेज़ बारिश और तेज़ हवाओं ने तिरपाल तक उड़ा दी.नतीजा सैकड़ों बोरी अनाज भीग गया, और कई बोरियां फटकर सड़कों पर फैल गईं.
मंडी अनाज व्यापारी कहते हैं,
"हमने तिरपाल डाली थी लेकिन इतनी तेज़ आंधी आई कि कुछ नहीं बचा. मंडी में पक्के शेड होते तो इतना नुकसान नहीं होता. "
प्रशासन से सवाल
इस घटना ने एक बार फिर मंडी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हर साल मानसून आता है, और हर साल ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिलती हैं. लेकिन इसके बावजूद कोई स्थाई व्यवस्था नहीं की जाती. क्या अनाज को सुरक्षित रखने के लिए पक्के गोदाम बनाना जिम्मेदारों की प्राथमिकता में नहीं है?
सबसे ज्यादा नुकसान किसका?
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा नुकसान किसानों का है. उन्होंने महीनों की मेहनत से जो अनाज उगाया, वो अब या तो सड़ जाएगा या फिर सस्ते में बिकेगा, और प्रशासन? वो हर बार की तरह इस बार भी चुप है.
प्रशासन की लापरवाही भी है मिर्जापुर मंडी में दुकानों का निर्माण तो कराया गया लेकिन अभी तक यह दुकान व्यापारियों को आवंटित नहीं की गई जिसके कारण व्यापारियों को अपना अनाज खुले में रखना होता है. अचानक बे मौसम बारिश का पता नहीं होता जिससे खुले में रखा गेहूं. धान पूरी तरह से खराब हो जाता है.
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