
Kamalnath Profile : साल था 2018, मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress) का 15 साल लंबा वनवास खत्म हुआ और सत्ता के शिखर पर बैठे कमलनाथ (Kamalnath). दिसंबर 2018 को उन्होंने प्रदेश के 31वें मुख्यमंत्री (Madhya Pradesh CM) के रूप में शपथ ली. लेकिन 15 साल बाद जो सत्ता हाथ लगी थी वह महज 15 महीने ही चल पाई और एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनी और मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan). लेकिन 2018 में मिली हार ने बीजेपी को 2023 के विधानसभा चुनाव में आत्ममंथन के लिए मजबूर कर दिया. कांग्रेस को डेढ़ दशक बाद जीत दिलाने वाले नेता का नाम था कमलनाथ. वही कमलनाथ जिन्हें कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने अपना 'तीसरा बेटा' कहा था. वही कमलनाथ जिनके नेतृत्व में एक बार फिर कांग्रेस चुनाव के मैदान में उतरने जा रही है.

उत्तर प्रदेश में हुआ जन्म
मध्य प्रदेश की राजनीति में आज एक बड़ा चेहरा बन चुके कमलनाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था.
स्कूल के बाद कमलनाथ कोलकाता चले गए जहां सेंट जेवियर कॉलेज से उन्होंने बी.कॉम किया. 27 जनवरी 1973 को अलका नाथ से उनकी शादी हुई और आज कमलनाथ के दो बेटे हैं जिसमें से बड़ा बेटा नकुलनाथ उनके साथ राजनीति में सक्रिय है.
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छिंदवाड़ा में 'जीत' मतलब कमलनाथ
कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं. 1980 में उन्होंने पहली बार यहां जीत दर्ज की थी. तब उनकी उम्र सिर्फ 34 साल थी. 1997 के उपचुनाव को अगर छोड़ दें तो छिंदवाड़ा जीत का दूसरा नाम कमलनाथ हैं.
केंद्र में जब भी कांग्रेस की सरकार रही कमलनाथ को कैबिनेट में जगह मिली. उन्हें पर्यावरण, कपड़ा, वाणिज्य और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारियां मिलीं.
'पुराने कांग्रेसी' की छवि
कमलनाथ की छवि 'पुराने कांग्रेसी' नेता की है जो इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.
स्कूल में संजय गांधी से हुई दोस्ती ने कमलनाथ के राजनीतिक करियर की नींव रखी. उन्हें गांधी परिवार के करीबी लोगों में गिना जाता है जो हर संकट की घड़ी में कांग्रेस के साथ खड़े रहे.
कैसे रखा राजनीति में कदम?
इमरजेंसी जब खत्म हुई तो कांग्रेस एक बुरे वक्त से गुजर रही थी. प्लेन हादसे में संजय गांधी का निधन हो गया, इंदिरा गांधी पर बढ़ती उम्र का असर दिखने लगा था और एकजुट विपक्ष के सामने कांग्रेस कमजोर पड़ती दिखाई दे रही थी. ऐसे वक्त में गांधी परिवार के करीबी कमलनाथ लगातार मेहनत कर रहे थे और पार्टी के साथ खड़े थे. लिहाजा इनाम में इंदिरा गांधी ने उन्हें छिंदवाड़ा से लोकसभा का टिकट दे दिया और इस तरह कमलनाथ का राजनीतिक सफर शुरू हो गया.
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सबसे अमीर मुख्यमंत्री
साल 2018 में जब कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो वह देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री बन गए.
इसमें 7.09 करोड़ रुपए की चल और 181 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल है. कमलनाथ और उनके परिवार के नाम पर कुल 23 कंपनियां और ट्रस्ट रजिस्टर्ड हैं. उनके पास छिंदवाड़ा जिले में करीब 63 एकड़ जमीन भी है.